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ताड़र कॉलेज प्रशासन ने कहा, 278 छात्र हमारे कॉलेज के नहीं

टीआर में छात्रों का नहीं है नाम, रजिस्ट्रेशन नंबर व रोल नंबर गायब मामला प्रकाश में आने पर कॉलेज प्रशासन ने टेबलेशन केंद्र पर अपना कर्मचारी भेजा टेबलेशन निदेशक ने विवि प्रशासन से कमेटी बना कर परीक्षा के नाम पर चल रही धांधली की जांच की मांग की भागलपुर : दो दिन पहले कई गड़बड़ी […]

टीआर में छात्रों का नहीं है नाम, रजिस्ट्रेशन नंबर व रोल नंबर गायब

मामला प्रकाश में आने पर कॉलेज प्रशासन ने टेबलेशन केंद्र पर अपना कर्मचारी भेजा
टेबलेशन निदेशक ने विवि प्रशासन से कमेटी बना कर परीक्षा के नाम पर चल रही धांधली की जांच की मांग की
भागलपुर : दो दिन पहले कई गड़बड़ी को लेकर विवि प्रशासन ने ताड़र कॉलेज व सीएम कॉलेज बौंसी के पार्ट वन का रिजल्ट रोक दिया था. शनिवार को ताड़र कॉलेज प्रशासन द्वारा भेजे कर्मचारी ने 278 से अधिक छात्रों को अपने कॉलेज का छात्र मानने से इनकार कर दिया है. टीआर से सभी छात्रों का नाम कटवा दिया.
ताड़र कॉलेज के इस निर्णय से विवि के परीक्षा विभाग, ताड़र कॉलेज व परीक्षा केंद्र सबौर कॉलेज पर भी सवाल खड़ा हो गया है. टीआर में ताड़र कॉलेज के नाम पर 278 से अधिक छात्रों का नाम, रजिस्ट्रेशन नंबर व रोल नंबर नहीं लिखा है. सिर्फ टीआर में विषयवार नंबर चढ़े हुए हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि उन छात्रों को राेल नंबर किसने दिया. रजिस्ट्रेशन कहां हुआ. परीक्षा हॉल में कैसे बैठ गये. ये छात्र फर्जी तो नहीं हैं,
जो अपने से परीक्षा प्रवेश पत्र तैयार कर परीक्षा में शामिल हो गये. अगर फर्जी छात्र थे, तो परीक्षा केंद्र सबौर कॉलेज की ओर से इसकी सूचना विवि प्रशासन को क्यों नहीं दी गयी. विवि परीक्षा विभाग की ओर से तमाम चीजों पर जांच नहीं की गयी. उन छात्रों की कॉपी अलग क्यों नहीं रखा गया.
तमाम सवाल परीक्षा विभाग, ताड़र कॉलेज व सबौर कॉलेज के लिए बड़ा सवाल है.
उल्लेखनीय है कि पार्ट वन परीक्षा में ताड़र कालेज का केंद्र सबौर कॉलेज बनाया गया था. परीक्षा को लेकर ताड़र कॉलेज के छात्रों ने कई बार परीक्षा केंद्र पर हंगामा किया था. कारण था कि केंद्र पर बनाये गये सीट से अधिक छात्र-छात्राएं परीक्षा देने के लिए पहुंचे थे.
प्रथम दृष्टि में विवि के जांच में यह सामने आया था कि संबद्ध कॉलेजों को विषयवार सीट निर्धारित किया गया है. लेकिन कॉलेज की ओर से उन विषयों पर कोटा से अधिक नामांकन लिया जाता है. फिर उन छात्रों से परीक्षा फॉर्म भराया जाता है. इसमें कॉलेज, विवि परीक्षा विभाग व बिचौलियों की मिलीभगत से छात्रों को परीक्षा में बैठाया जाता है.
इन तमाम चीजों को लेकर विवि प्रशासन ने निर्णय लिया था कि उन छात्रों की कॉपी अलग रखी जायेगी. अलग से उन कॉपियों की जांच करायी जायेगी.
टेबलेशन निदेशक डॉ योगेंद्र ने कहा कि फर्जी तरह से परीक्षा देनेवाले छात्रों पर प्राथमिकी दर्ज करायी जाये. साथ ही कॉलेज प्रशासन पर भी प्राथमिकी दर्ज हो. कॉलेज प्रशासन की सहमति पर यह सब होता है. उन्होंने विवि प्रशासन से इस मामले के व्यापक जांच की मांग की है. विवि प्रशासन अविलंब जांच कमेटी बनाये. डॉ योगेंद्र ने कहा कि पार्ट वन परीक्षा का रिजल्ट डेढ़ माह के अंदर प्रकाशित किया गया है. सावधानी पूर्वक सारे चीज तैयार किये जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि मामला ताड़र कॉलेज तक ही समित नहीं है. अभी और कई कॉलेज इस घेरे में आ सकते हैं.
परीक्षा में किसी प्रकार की गड़बड़ी विवि प्रशासन बरदाश्त नहीं करेगी. रिजल्ट को लेकर जो मामले सामने आ रहे हैं, इसकी जांच विवि प्रशासन करायेगी. जांच में कॉलेज, या फिर परीक्षा विभाग की संलिप्ता सामने आने पर उन्हें बख्शा नहीं जायेगा. जिन कॉलेजों के द्वारा इस तरह की गड़बड़ी की जा रही है. उनके खिलाफ कार्रवाई जरूरी होगी. जल्द ही सारे संबद्ध कॉलेजों के प्राचार्यों की बैठक बुलायी जायेगी.
प्रो रमा शंकर दुबे, कुलपति टीएमबीयू

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