व्यवसायियों की मानें तो लोकल स्तर पर एवं बंगाल में आलू की उत्पादन कम होने पर ऐसी स्थिति बन रही है. उत्पादक क्षेत्र और स्थानीय खेतों में आलू की उपज को देखते हुए यही कहा जा सकता है कि सितंबर-अक्तूबर माह में आलू के भाव दोगुना हो जायेंगे. इतना ही नहीं हरी सब्जियों के भाव में लगातार उतार-चढ़ाव से ग्राहक परेशान हैं.
आलू के थोक कारोबारी बताते हैं कि मिनी मार्केट में आलू का थोक भाव 12 से 14 रुपये किलो है, जो 10 दिन पहले 10 से 11 प्रति रुपये किलो बिक रहे थे.
अभी आलू की आवक असम, उत्तरप्रदेश एवं लोकल स्तर पर हो रहा है. इस बार लोकल स्तर पर एवं पश्चिम बंगाल में आलू का फलन कमजोर रहा. पिछले वर्ष जितनी भूमि में आलू की फसल लगायी गयी थी, उतनी ही भूमि में इस बार भी लगायी गयी है.