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ठग पाकिस्तानी, भोजपुरी व मगही भी बोलते हैं

भागलपुर : पाकिस्तान में बैठे साइबर ठग यहां के कुछ लड़कों से संपर्क करते हैं. कुछ स्थानीय मोबाइल नंबर उपलब्ध कराने का अाग्रह करते हैं. इन्हें अपना मकसद बताया व उसमें कामयाब होने पर कमीशन देने की बात कही. ये तैयार हो गये और लोकल नंबर उन्हें उपलब्ध करा दिया. इसके अलावा पाकिस्तानियों ने इनसे […]

भागलपुर : पाकिस्तान में बैठे साइबर ठग यहां के कुछ लड़कों से संपर्क करते हैं. कुछ स्थानीय मोबाइल नंबर उपलब्ध कराने का अाग्रह करते हैं. इन्हें अपना मकसद बताया व उसमें कामयाब होने पर कमीशन देने की बात कही. ये तैयार हो गये और लोकल नंबर उन्हें उपलब्ध करा दिया. इसके अलावा पाकिस्तानियों ने इनसे कुछ लोकल लोगों का बैंक एकाउंट भी मांगा. कुछ स्थानीय गरीब लोगों का बैंक एकाउंट नंबर भी उन्हें उपलब्ध करा दिया गया.

उसके बाद पाकिस्तान लोग कॉल कर यहां के लोगों से लाखों व करोड़ों की लॉटरी जीतने की बात करते हैं. वे भोजपुरी व मगही भाषा में भी लोगों से बात करते हैं ताकि लोगों को संदेह न हो. इस बड़े रकम के बदले में वे पहले प्रोसेसिंग चार्ज के रूप में 10 से 50 हजार तक मांगते हैं. पैसे वे जिन एकाउंट में डालने को कहा वह लोकल बैंक का होता है.

देश के नामचीन बैंक का एकाउंट नंबर होने से लोगों को संदेह भी नहीं होता है और वे उनके झांसे में आकर करोड़ों के बदले कुछ हजार उनके एकाउंट में डाल देते हैं. पैसे एकाउंट में आने के बाद पाकिस्तानी ठगों के भारतीय एजेंट 15 से 20 परसेंट अपना कमीशन रख बाकी का पैसा उन्हें भेज देते हैं.

जनवरी में छह साइबर ठग पकड़े गये थे
पाकिस्तानी और सउदी अरब के साइबर ठगों से संपर्क रखने वाले छह भारतीय एजेंट को पुलिस ने इसी साल 23 जनवरी को गिरफ्तार किया था. इस अंतरराष्ट्रीय गिरोह के सदस्यों को पुलिस व एटीएस की टीम ने गिरफ्तार किया था. उनके पास से विभिन्न बैंकों के 50 एटीम, 13 मोबाइल, बैंकों की जाम परची व कई पासबुक बरामद किया गया था. पकड़े गये छह लोगों में चार भागलपुर के, जबकि दो लखीसराय का रहनेवाला था. जितेंद्र, पवन व नवीन को पुलिस और एटीएस की टीम ने छत्रपति चौक से, जबकि परवेज को बरारी से, मांटा मंडल को इशाकचक से व गोपाल को लखीसराय से गिरफ्तार किया गया.
आतंकी संगठनों को तो नहीं जा रहा पैसा
साइबर ठगी के करोड़ों रुपये पाकिस्तान भेजे जाने की बात पहले भी सामने आ चुकी है. यह भी आशंका जाहिर की जा रही है कि ये पैसे आतंकी संगठनों तक पहुंच रहा है. पुलिस की प्रारंभिक जांच में हालांकि इस बात के पुख्ता सबूत तो नहीं मिले हैं, लेकिन ये पैसे कहां व किसके पास जा रहे हैं और इसका इस्तेमाल किसमें हो रहा है
, इसकी जांच करायी जानी है. पाकिस्तानी साइबर ठगों के भारतीय एजेंट सीधे पाकिस्तान के बैंक एकाउंट में पैसे नहीं भेज कर वे बॉर्डर इलाके के एकाउंट में पैसे भेजते हैं. यह आशंका जाहिर की जा रही है कि बॉर्डर इलाके से पैसे पाकिस्तान पहुंचाया जा रहा है.
टेलिकॉम कंपनी से भी किया जायेगा आग्रह
एसएसपी मनोज कुमार ने कहा कि वे टेलीकॉम कंपनियों से आग्रह करेंगे कि वे लोगों को साइबर ठगी को लेकर जागरूक करें. उन्होंने कहा कि बेगूसराय के एसपी रहते हुए उन्होंने कंपनियों से इस तरह का आग्रह किया था. उनका कहना है कि लोगों के पास कंपनी के कॉल आयेंगे और उसमें बताया जायेगा कि किसी को भी अपना बैंक एकाउंटर नंबर, एटीएम नंबर व पिन नंबर किसी को न बतायें. ऐसा होने से लोग जरूर जागरूक होंगे.

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