भागलपुर : शहर के मुख्य बाजार की पतली गलियों में आग लगने पर दमकल का घुस पाना मुश्किल है. पछुआ हवा तेज हो रही और अग्निकांड की घटनाएं बढ़ती जा रही है. लगन को लेकर विवाह भवन, धर्मशाला व होटलों में लोगों की भीड़ रही है. विडंबना है कि 10 फीसदी विवाह भवन और होटलों में ही आग से सुरक्षा के समुचित उपाय किये गये हैं.
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बाजार की पतली गलियों में कैसे घुसेगा दमकल!
भागलपुर : शहर के मुख्य बाजार की पतली गलियों में आग लगने पर दमकल का घुस पाना मुश्किल है. पछुआ हवा तेज हो रही और अग्निकांड की घटनाएं बढ़ती जा रही है. लगन को लेकर विवाह भवन, धर्मशाला व होटलों में लोगों की भीड़ रही है. विडंबना है कि 10 फीसदी विवाह भवन और होटलों […]
सोनापट्टी व हड़ियापट्टी
बाजार क्षेत्र में बहुत भीड़ लगती है. ऐसी स्थिति में किसी अग्नि दुर्घटना के समय भगदड़ मचने पर बड़ा हादसा हो सकता है. बाजार क्षेत्र का सोनापट्टी हो, लोहापट्टी हो, हड़ियापट्टी हो या कलाली गली यहां फायर बिग्रेड की गाड़ी पहुंचना तो दूर की बात पानी का पाइप पहुंचना भी मुश्किल भरा है. इसमें खास सोनापट्टी अधिक संवेदनशील है.
यहां पर अधिकांश सर्राफा दुकानों में गैस सिलिंडर या केमिकल से जलने वाला यंत्र होता है, जिससे गहना तैयार किया जाता है. यहां पर पहले भी एक-दो बार आग लग चुकी है. अबतक अग्नि सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं की गयी. इक्का-दुक्का सर्राफा दुकानों को छोड़ दें तो किसी दुकान में पर्याप्त अग्निशमन यंत्र नहीं है.
कई स्थानों पर हुई है दुर्घटना
चुनिहारी टोला स्थित रुई गोदाम में छह वर्ष पहले आग लगी थी. कलाली गली में पांच वर्ष पहले आग लगी थी. डेढ़ वर्ष पहले वेराइटी चौक स्थित कपड़े की दुकान में आग लगी थी. इतना ही नहीं तीन वर्ष पहले गोकुल धाम विवाह भवन में भीषण आग लगी थी. समय रहते आग पर काबू पा लिया गया था, लोगों की सजगता से किसी की जान को तो नहीं, लेकिन धन की जरूर क्षति पहुंची थी.
मुख्य सचिव ने दिये हैं कड़ाई से अनुपालन के निर्देश : बिहार सरकार के मुख्य सचिव ने प्रमंडलीय आयुक्त, जिला पदाधिकारी, अग्निशमन पदाधिकारी को बड़े प्रतिष्ठान जैसे स्कूल, छात्रावास, नर्सिंग होम, आवासीय होटल, रेस्टोरेंट, शो-रूम, छवि गृह, विवाह भवन, पंडाल, व्यापारिक केंद्र, भंडारण गृह, सामुदायिक हॉल, औद्योगिक इकाई आदि में कड़ाई से पर्याप्त मात्रा में पोर्टेबल अग्निशामक यंत्र लगाने का अनुपालन करने के निर्देश दिये हैं.
नहीं हुआ अनुपालन: मुख्य सचिव के निर्देश दिये दो वर्ष से भी अधिक हो गये, बावजूद इसके कुछ स्थानों पर ही अग्नि शामक यंत्र लगाये गये हैं. अग्नि शामक यंत्र के विशेषज्ञ शंभु कुमार सिंह गौतम का कहना है यह यंत्र ऐसे स्थान पर हो, जहां पर आम लोगों का भी नजर जा सके, ताकि जरूरत पड़ने पर कोई भी इसका उपयोग कर सके.
ज्वलनशील पदार्थ में बिजली, गैस व तेलीय पदार्थ आता है. इसके लिए बीसी टाइप का अग्निशामक यंत्र जरूरी है. इसलिए कि ऐसे आग को पानी से नहीं बुझाया जा सकता है. जैसे पेंट दुकान में लगी आग के लिए तीन-तीन फायर ब्रिगेड की गाड़ी को जाना पड़ा. इसलिए कि पेंट भी ज्वलनशील पदार्थ है.
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