नवगछिया : नवगछिया की घाट ठाकुरबाड़ी में सात दिवसीय नवाह परायण यज्ञ के छठे दिन गुरुवार को प्रवचन करते हुए स्वामी विनोदानंद जी ने कहा कि हनुमान जी जब माता सीता की खोज में चले तो उन्हें मैनाक मिला. मैनाक सोने का पहाड़ है. जब हम भक्ति की ओर बढ़ेंगे तो लोभ का मैनाक भक्ति से दूर करने का प्रयास करेगा. सुरसा वासना का प्रतीक है. भक्ति में वासना की गंध नही होनी चाहिए. भक्ति में ईर्ष्या का कोई स्थान नहीं है.
आयोजन समिति के सचिव श्याम सुंदर केडिया ने कहा कि पूरा नगर अमृतवाणी का लाभ ले रहा है. अध्यक्ष दिनेश सर्राफ, बनवारी पंसारी, संतोष यादुका, कृष्ण चिराणियां, विनोद चिरानिया, पवन चिरानिया, अनिल मंगलचंद खेमका, लोकेश अग्रवाल, किसन यादुगा और समिति के अन्य सदस्य आयोजन को सफल बनाने में लगे हैं.