भागलपुर: छात्र अंशुराज की मौत के बाद विवि थाने में तोड़फोड़, पुलिस पर पथराव व उपद्रव मामले में जेल में बंद 28 छात्रों में 16 छात्रों के खिलाफ पुलिस को जांच में कोई साक्ष्य नहीं मिला था. बिना साक्ष्य के ये छात्र एक माह से जेल में बंद हैं. काराधीन चंदन कुमार (पकरा, नवगछिया) की मां इंदु देवी ने कहा कि उनका बेटा इस मामले में निदरेष है. पुलिस जांच में भी इसकी पुष्टि हो चुकी है. इसके बाद भी चंदन की रिहाई नहीं हो रही है. थाना जाने पर कहा जाता है कि कागज कोर्ट भेज दिया गया है, जबकि कोर्ट में कागज नहीं पहुंचा है.
चंदन की पत्नी गर्भवती है. वह अस्पताल में भरती है. जेल में रहने के कारण चंदन की नौकरी भी छूट गयी है. पूरा परिवार आर्थिक संकट से गुजर रहा है. इस दिशा में पुलिस ध्यान नहीं दे रही है. उधर, काराधीन चंद्रप्रकाश चीकू के भाई चंद्र बिंदु टिंकू (चकरामी, बिहपुर) ने कहा कि पुलिस जांच में उनके भाई को दोषी पाया गया है, लेकिन वीडियो फुटेज में कहीं भी उनका भाई नहीं है. पुलिस फुटेज को सार्वजनिक करे. आखिर किस आधार पर पुलिस ने उनके भाई को दोषी बनाया.
अभिभावकों के आवेदन पर हुई थी जांच . इस मामले में फंसे छात्रों के आठ अभिभावकों ने एसएसपी को आवेदन देकर अपने-अपने बच्चों को निदरेष बताया था. एसएसपी ने आठों आवेदन की जांच का जिम्मा एएसपी हरिकिशोर राय को दिया था. अभिभावकों के आवेदन के आधार पर पुलिस ने बारीकी से मामले की जांच की तो 16 छात्र निदरेष मिले. इन छात्रों के खिलाफ पुलिस को कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं है, जबकि 12 छात्रों के खिलाफ पुलिस को साक्ष्य मिले हैं.