भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय की एकमात्र अंगीभूत इकाई एसएम कॉलेज में बीएड कोर्स चल रहा है. वह भी सुविधाओं के अभाव के बीच. विश्वविद्यालय प्रशासन सत्र भी नियमित नहीं कर पा रहा है.
एक तरफ एक कॉलेज को संभालने में विश्वविद्यालय हांफ रहा है और दूसरी ओर अन्य सभी 28 अंगीभूत कॉलेजों में बीएड कोर्स शुरू करने की तैयारी की जा रही है. जानकार मानते हैं कि एसएम कॉलेज को ध्यान में रखते हुए सबसे पहले अन्य कॉलेजों में बीएड के लिए अलग से संसाधन जुटाने होंगे. इसके बाद ही कोर्स शुरू करने पर छात्र-छात्रओं को पूरा लाभ मिल पायेगा.
एसएम कॉलेज के बीएड के एक फैकल्टी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि ब्लैकबोर्ड की कमी आज तक पूरी नहीं हो सकी है. छोटे-छोटे ब्लैकबोर्ड हैं. लिखने के दौरान ब्लैकबोर्ड घूम जाता है. पानी की पुख्ता व्यवस्था नहीं है. शौचालय भी दुरुस्त नहीं रहता. कमरे की कमी है. प्रोजेक्टर व कंप्यूटर नहीं है. पुस्तकालय में कम से कम 3000 पुस्तकें चाहिए और महज 700 से 800 के करीब पुस्तकें उपलब्ध हैं.
यहां गौरतलब है कि एसएम कॉलेज की गिनती विश्वविद्यालय के तीन-चार समृद्ध कॉलेजों में होती है. ऐसी स्थिति में अन्य कॉलेजों में संसाधन की जरूरत किस तरह की होगी, सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. यही नहीं एसएम कॉलेज में अभी 2012-13 सत्र का कक्षा संचालन हो रहा है. 2013-14 में नामांकन के लिए प्रवेश पत्र निर्गत किया जा चुका है, लेकिन नामांकन नहीं हुआ है. 2014-15 सत्र में नामांकन के लिए अगले साल फरवरी में सूचना जारी नहीं की गयी, तो समस्या और भी गंभीर हो सकती है. शिक्षकों का मानना है कि ऐसी स्थिति में सभी 29 कॉलेजों में बीएड की पढ़ाई शुरू करने से पहले विश्वविद्यालय को तैयारी पूरी कर लेनी होगी.