वासंतिक नवरात्र कल से, तैयारी पूरी
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नवरात्र. विभिन्न दुर्गा मंदिरों में हो रही विशेष तैयारी, हिंदू नववर्ष उत्सव की भी तैयारी जोरों पर
वासंतिक नवरात्र कल से, तैयारी पूरी चैत्र शुक्ल पक्ष शुक्रवार आठ अप्रैल को वासंतिक नवरात्र (चैत्र नवरात्र) शुरू हो रहा है. शहर के िवभिन्न दुर्गा स्थानों पर पूजा की तैयारी अंतिम चरण में है. शहर सहित विभिन्न गांवों के मंिदरों में कलश स्थापित की जायेगी व इस दिन हिंदू नववर्ष का उत्सव मनाया जायेगा. भागलपुर […]
चैत्र शुक्ल पक्ष शुक्रवार आठ अप्रैल को वासंतिक नवरात्र (चैत्र नवरात्र) शुरू हो रहा है. शहर के िवभिन्न दुर्गा स्थानों पर पूजा की तैयारी अंतिम चरण में है. शहर सहित विभिन्न गांवों के मंिदरों में कलश स्थापित की जायेगी व इस दिन हिंदू नववर्ष का उत्सव मनाया जायेगा.
भागलपुर : शहर के दुर्गाबाड़ी, भागलपुर इंस्टीट्यूट, बूढ़ानाथ मंदिर, मशाकचक स्थित दुर्गाबाड़ी, मानिकपुर, नाथनगर कर्णगढ़, नरगा मोहनपुर, अलीगंज, चौधरीडीह महमदाबाद,खलीफाबाग चौक आदि स्थानों पर पूजा की तैयारी अंतिम चरण में है. इस दिन हिंदू नववर्ष का उत्सव मनाया जायेगा.
अलग-अलग विधान से पूजा. बूढ़ानाथ मंदिर के प्रबंधक वाल्मीकि सिंह ने बताया बूढ़ानाथ मंदिर में प्रात: कलश स्थापित की जायेगी. विश्व कल्याण के लिए रोजाना दुर्गा सप्तशती पाठ किया जायेगा. इस दिन रात्रि नौ बजे महाआरती का आयोजन किया जायेगा. दशमी को कलश विसर्जन के साथ ही जयंती व प्रसाद वितरण किया जायेगा. दुर्गाबाड़ी व भागलपुर इंस्टीट्यूट में बांग्ला विधि-विधान से पूजा होगी. अन्य स्थानों पर वैदिक विधि-विधान से पूजा-अर्चना होगी. दुर्गाबाड़ी के सचिव सुब्रतो मोइत्रा ने बताया कि दुर्गाबाड़ी कमेटी की ओर से दूसरी बार दुर्गाबाड़ी में आठ अप्रैल को चैती दुर्गा पूजा की पहली पूजा होगी. 11 अप्रैल को शाम चार बजे प्रतिमा वेदी पर स्थापित की जायेगी. छह पूजा को शाम को नगर भ्रमण होगा.
यहां पर प्रतिमा निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. यहां पर पूजा का विधि-विधान बांग्ला में होगा. सांस्कृतिक सचिव तरुण घोष व देवाशीष बनर्जी ने बताया कि भागलपुर वासंती पूजा कमेटी की ओर से भागलपुर इंस्टीट्यूट में बांग्ला विधि-विधान से पूजा-अर्चना होगी. आठ अप्रैल को कलश स्थापना के साथ पहली पूजा होगी. 11 अप्रैल को रात्रि 11 बजे प्रतिमा वेदी पर स्थापित की जायेगी. 12 को छठी पूजा होगी. 15 को रामनवमी के दिन ध्वजारोहण और दशमी को पूजन के बाद विसर्जन शोभायात्रा निकाली जायेगी.
चैत्र नवरात्र पर राणी सती मंदिर में माता जगदंबा स्वरूपा राणी सती दादी व अन्य देवी-देवताओं की महाआरती होगी, इसके बाद कलश स्थापित होगी. दुर्गा सप्तशती पाठ के बाद माता को भोग लगाया जायेगा. मीडिया प्रभारी चांद झुनझुनवाला ने बताया यहां 55 वर्षों से वासंती नवरात्र पर कलश स्थापित की जाती है.
मां का पूजन रामनवमी तक रोजाना सुबह साढ़े सात बजे तक होगा. अष्टमी को फलों का भोग व नवमी को 56 व्यंजन का भोग लगाया जायेगा. अलीगंज में भी आठ अप्रैल को कलश स्थापित की जायेगी. पूजा के बाद श्रद्धालुओं में प्रसाद का वितरण किया गया. अध्यक्ष गुल्लो साह ने बताया कि यहां अष्टमी, नवमी व दशमी को पिछले वर्ष राम लीला का आयोजन किया गया था, इस बार भी राम लीला पर चर्चा चल रही है. महमदाबाद चौधरीडीह में चैती दुर्गा पूजा के दौरान मेला लगेगा. यहां पर 80 प्रतिशत तैयारी पूरी कर ली गयी है.
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