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24 वर्ष बाद फैसला: रिहा हुए आठ आरोपित

द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश ने सुनाया फैसला जमीन विवाद के कारण घोघा के ललन राय का अपहरण भागलपुर : घोघा के गांव जानीडीह से 14 अक्तूबर 1992 को किसान व्योमकेश राय के बेटे ललन राय के अपहरण कांड का 24 वर्ष बाद फैसला आ गया. द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश जयप्रकाश की अदालत ने गुरुवार को […]

द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश ने सुनाया फैसला

जमीन विवाद के कारण घोघा के ललन राय का अपहरण
भागलपुर : घोघा के गांव जानीडीह से 14 अक्तूबर 1992 को किसान व्योमकेश राय के बेटे ललन राय के अपहरण कांड का 24 वर्ष बाद फैसला आ गया. द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश जयप्रकाश की अदालत ने गुरुवार को अपहरण कांड के आठ आरोपित को साक्ष्य व संदेह का लाभ देेते हुए बरी करने का आदेश दिया.
सभी आरोपित पर जमीन विवाद के कारण अपहरण करने का आरोप लगा था. इसमें अपहृत ललन राय की बरामदगी अकबर नगर थाना के दियारा क्षेत्र से हुई थी. अपहरण कांड में ललन राय के बयान पर आठ युवक के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. मामले में सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक राजेश प्रसाद सिंह और बचाव पक्ष से देवेंद्र कुमार वर्मा ने पैरवी की.
यह था मामला. 14 अक्तूबर 1992 को जानीडीह (घोघा) में किसान व्योमकेश राय के पास सिपाही महेश यादव आये. सिपाही ने बताया कि उनकी जमीन पर किसी ने लाल झंडा गाड़ दिया है. इसके बाद सिपाही महेश यादव के साथ व्योमकेश राय का बेटा ललन राय अपनी जमीन को देखने के लिए मौके पर गया. वहां जाने पर आरोपित रामदेव यादव, कुदाली यादव, रघुनंदन यादव, जागो यादव, दिनेश यादव, ओसो यादव, महेश यादव और शंकर मंडल ने दोनों को उठा लिया.
बाद में सिपाही महेश यादव को छोड़ दिया, मगर ललन राय का अपहरण कर लिया. व्याेमकेश राय की शिकायत पर कहलगांव के घोघा थाना में कांड संख्या- 352/92 दर्ज किया गया. इसमें उक्त आठ आरोपित के खिलाफ मामला दर्ज हुआ. घटना के चार दिन बाद पुलिस को सूचना मिली कि अकबर नगर थाना क्षेत्र के दियारा में अपहृत ललन राय मिला. अदालत में दिये बयान में ललन राय ने बताया कि अपहरण करने के बाद उसे लगातार चार दिनों तक गंगा में नाव पर रखा गया था. अपने बयान में उसने आठ आरोपित में से पांच की तत्काल पहचान कर ली, बाद में तीन की शिनाख्त पुलिस ने की.
हम हाइकोर्ट में करेंगे अपील : ललन राय. सूचक व्योमकेश राय के बेटे ललन राय ने बताया कि वे कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाइकोर्ट में अपील करेंगे. उनके केस पर वर्ष 2008 से तारीख चल रही है. करीब 288 तारीख में वे कोर्ट में अपने केस की पैरवी के लिए आये.

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