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तैयारी: आइसीएसइ ने इस साल ऑन स्क्रीन इवेल्वेशन की व्यवस्था शुरू की, इस साल जल्द तैयार होगा मार्क्सशीट
भागलपुर. आइसीएसइ ने ऑन स्क्रीन इवेल्वेशन की व्यवस्था की है. आइसीएसइ बोर्ड की मानें, तो रिजल्ट जल्द निकालने के लिए यह व्यवस्था की गयी है. इससे मूल्यांकन की सारी गतिविधियों पर बोर्ड खुद नजर रख पायेगा. किसी तरह की गड़बड़ी की कम संभावना होगी. मार्क्स के लिए नहीं करना होगा बोर्ड को इंतजार ऑन स्क्रीन […]
भागलपुर. आइसीएसइ ने ऑन स्क्रीन इवेल्वेशन की व्यवस्था की है. आइसीएसइ बोर्ड की मानें, तो रिजल्ट जल्द निकालने के लिए यह व्यवस्था की गयी है. इससे मूल्यांकन की सारी गतिविधियों पर बोर्ड खुद नजर रख पायेगा. किसी तरह की गड़बड़ी की कम संभावना होगी.
मार्क्स के लिए नहीं करना होगा बोर्ड को इंतजार
ऑन स्क्रीन इवेल्वेशन होने से बोर्ड को अब मार्क्स के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा. इवेल्वेशन होने के साथ ही मार्क्स भी बोर्ड के पास जाता रहेगा. इससे मार्क्सशीट तैयार करने में बोर्ड को आसानी होगी. ज्ञात हो कि अभी तक इवेल्वेशन होने तक बोर्ड को इंतजार करना पड़ता था. जोनल लेवल पर इवेल्वेशन होने के बाद सारी जगहों से मार्क्स बोर्ड को जाते थे. मार्क्स जाने के बाद बोर्ड पहले मार्क्स फाइल और उसके बाद मार्क्सशीट तैयार करता था. लेकिन इस बार यह व्यवस्था बदल दी गयी है.
15 से 20 मई के बीच रिजल्ट
इस बार आइसीएसइ बोर्ड 10वीं व 12वीं का रिजल्ट जल्द निकालेगा. ऑन स्क्रीन इवेल्वेशन की व्यवस्था होने से आंसर कॉपी जल्दी जांची जा सकेगी. 15 से 20 मई के बीच रिजल्ट प्रकाशित होने की संभावना है.
केंद्रीय विद्यालय ने शुरू किया अभियान
अब संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए भी स्कूलों में शिक्षक रखे जायेंगे. इसकी शुरुआत केंद्रीय विद्यालय संगठन की ओर से की जा रही है. यह शिक्षक संस्कृत पढ़ाने के साथ-साथ उसका प्रचार-प्रसार भी करेंगे. निर्देश के मुताबिक संस्कृत शिक्षक पूरे विद्यालय में इसका प्रचार करेंगे और छात्रों को संस्कृत पढ़ने के लिए प्रेरित करेंगे.
जहां 15 से ज्यादा छात्र वहां होगी भरती
ऐसे केंद्रीय विद्यालय, जहां संस्कृत पढ़नेवाले छात्रों की संख्या 15 से अधिक होगी, वहां शिक्षकों की भरती की जायेगी. ऐसे शिक्षकों को अनुबंध के आधार पर रखा जायेगा. इसके लिए स्थानीय स्तर पर ही शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी.
11वीं से पढ़ सकते हैं संस्कृत
वर्ष 2016 सत्र से 11वीं के छात्र भी भाषा के रूप में संस्कृत पढ़ सकते हैं. संस्कृत पढ़नेवाले छात्रों की संख्या हर स्कूलों में काफी कम हो रही है. इसको लेकर केवीएस की ओर से 2014 में सर्वे किया गया. सर्वे में पाया गया कि जो छात्र 10वीं में संस्कृत पढ़ते हैं, वह भी 11वीं में इसे नहीं पढ़ना चाहते हैं. केंद्रीय विद्यालय में संस्कृत शिक्षकों की संख्या काफी कम हो गयी है. इस कारण छात्र भी अब संस्कृत नहीं पढ़ना चाहते. संस्कृत की कक्षाएं भी अधिकतर स्कूलों में नहीं हो पाती हैं.
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