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रेल परियोजना पूरी होने में फंड बनता रहा है बाधक

भागलपुर: भागलपुर व आसपास के िजले में रेलवे की कई परियोजना या तो अधूरी है या फिर शुरू ही नहीं हुई. ऐसी परियोजनाओं के लिए फंड नहीं है. इसके लिए हर साल रेलवे बजट में जो फंड दिया जाता है व ह योजना के आकार के हिसाब से नाकाफी है. ऐसी कई रेल परियोजनाएं हैं, […]

भागलपुर: भागलपुर व आसपास के िजले में रेलवे की कई परियोजना या तो अधूरी है या फिर शुरू ही नहीं हुई. ऐसी परियोजनाओं के लिए फंड नहीं है. इसके लिए हर साल रेलवे बजट में जो फंड दिया जाता है व ह योजना के आकार के हिसाब से नाकाफी है.

ऐसी कई रेल परियोजनाएं हैं, जो अधर में लटकी हैं. इन रेल परियोजनाएं में कुछ की घोषणा तो कई साल पहले हुई लेकिन इसके लिए पर्याप्त फंड नहीं दिया गया.

गोड्डा-पाकुड़ रेल लाइन परियाेजना (80 किमी) मिले केवल दो लाख रुपये. फंड के अभाव में रेलवे की इस करोड़ों की योजना के लिए सिर्फ दो लाख रुपये आवंटित किये गये हैं. ऐसे में समय पर परियोजना पूरी होने की गारंटी नहीं रह गयी है. गोड्डा-पाकुड़ रेल लाइन परियोजना 861.50 करोड़ की है.

दोहरीकरण में भी फंड की कमी. तीनपहाड़-भागलपुर रेल लूपखंड के 111 किमी हिस्से के दोहरीकरण में भी फंड बाधक है. यह योजना सात साल बाद भी पूरी नहीं हो सकी है. अब तक में पीरपैंती तक ही दोहरीकरण संभव हो पाया है. पीरपैंती और भागलपुर के बीच दोहरीकरण का काम जारी है. हालांकि दोहरीकरण के काम में तेजी लाने के लिए भागलपुर से ममलखा के बीच भी कार्य हो रहा है. मगर, फंड मिलने की रफ्तार स्लो रही, तो यह अगले दो-तीन साल में भी पूरा नहीं हो सकेगा. दोहरीकरण के काम को लेकर रेलवे मंत्रालय से वर्ष 2009 में मंजूरी मिली थी.

200 करोड़ से हो रहा रेल लाइन दोहरीकरण. लगभग 200 करोड़ रुपये खर्च कर चार चरणों में रेल लाइन का दोहरीकरण हो रहा है. पहले चरण में तीन पहाड़ से साहेबगंज के बीच पहले काम पूरा हुआ. दूसरे चरण में साहेबगंज से पीरपैंती के बीच ट्रैक दोहरीकरण का काम हाल के पिछले साल पूरा किया गया है. तीसरे और चौथे चरण में पीरपैंती से भागलपुर के बीच दोहरीकरण का काम हो रहा है. साहेबगंज से पीरपैंती के बीच करीब 24 किमी लंबी रेलवे लाइन के दोहरीकरण का काम पूरा करने में रेलवे को सालों लगा था.

पीरपैंती-नवगछिया रेल लाइन : 800 करोड़ की परियोजना, मिले दो लाख. पीरपैंती से नवगछिया नयी रेल लाइन परियोजना को मंजूरी तो मिली, मगर 800.50 करोड़ की इस परियोजना को पूरा करने के लिए केवल दो लाख रुपये का फंड मिला है. फंड को लेकर वकालत करते रहना होगा, अन्यथा इसका भी हश्र सुलतानगंज-बांका नयी रेल लाइन परियोजना की तरह हो जायेगा. सुलतानगंज-बांका नयी रेल लाइन परियोजना को फंड के अभाव में रेलवे ने स्लो ट्रैक पर डाल रखा है.

पीरपैंती से बटेश्वर होते हुए गंगा नदी के ऊपर ब्रिज से नवगछिया तक नयी रेल लाइन बनेगी. रेल मंत्री सुरेश प्रभु द्वारा प्रस्तुत रेल बजट के प्रावधान में लाया गया है. इससे पहले रेलवे के प्रमुख कंसलटेंसी कंपनी राइट्स की सब कंसलटेंटी पायोनियर ने रेलवे की जमीन का सर्वे किया है. गोड्डा सांसद निशिकांत दूबे इसके लिए प्रयासरत थे.

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