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सदर अस्पताल: खस्ताहाल है पैथोलॉजी, नहीं है पर्याप्त कर्मचारी, एक टेक्निशियन के हवाले मरीज
भागलपुर: सदर अस्पताल की पैथोलॉजी में रोजाना 100 से 150 मरीजों की सेहत की जांच की जाती है. यहां पर करीब 31 तरह की जांच की जाती है. लेकिन एक ही टेक्निशियन के हवाले जांच करने से लेकर रिपोर्ट बनाने की जिम्मेदारी है. जांच जैसी अहम जिम्मेदारी का लोड एक की टेक्निशियन पर होने के […]
भागलपुर: सदर अस्पताल की पैथोलॉजी में रोजाना 100 से 150 मरीजों की सेहत की जांच की जाती है. यहां पर करीब 31 तरह की जांच की जाती है. लेकिन एक ही टेक्निशियन के हवाले जांच करने से लेकर रिपोर्ट बनाने की जिम्मेदारी है. जांच जैसी अहम जिम्मेदारी का लोड एक की टेक्निशियन पर होने के कारण इसकी जांच की गुणवत्ता पर सवाल खड़ा होना लाजिमी है. गौरतलब है कि सदर अस्पताल के सेंट्रल डायग्नोस्टिक सेंटर के भूतल पर पैथोलॉजी लैब है.
इसके एक बड़े हॉल में जांच के सैंपल की जांच से लेकर रिपोर्ट बनाने का काम होता है तो आगे के एक छोटे से कमरे में रजिस्टर मेंटेन करने का काम होता है. यहां पर एक टेक्निशियन तैनात है जिसका काम यहां आने वाले मरीजों का नाम, पता व जांच को रजिस्टर में दर्ज करना होता है. इसके बाद यही टेक्निशियन मरीजों का सैंपल लेकर उसे एकत्र कर लेता है. इसके बाद वह जांच कर उसे रजिस्टर में चढ़ाता है. इसके बाद मरीज को दोपहर बाद वह रिपोर्ट दे देता है. एक ही व्यक्ति के पास रोजाना 125-150 मरीजों का औसतन 500-600 जांच की जिम्मेदारी है. इन सब जांचों की लिस्ट में गर्भवती महिलाओं से जुड़ी जांच सर्वाधिक होती है. एक गर्भवती महिला की कम से कम ये जांच (टीएलसी-डीएलसी, हिमोग्लोबिन, आरबीएस, ब्लड ग्रुप, यूरिन जांच) होती ही है. इन जांच में जरा सी चूक हो जाये, तो जच्चा के साथ-साथ गर्भ में पल रहे बच्चे की जान भी सांसत में पड़ सकती है. इस पैथोलॉजी को कम से दो टेक्निशियन, एक डाटा इंट्री आपरेटर और एक क्लर्क की जरूरत है.
दो दिन में शुरू हो जायेगी सीबीसी मशीन
जिला अस्पताल के सीडीएस स्थित पैथोलॉजी में सीबीसी(कंप्लीट ब्लड काउंट) मशीन चालू हो जायेगी. इसका लाभ मरीजों को मिलने लगेगा. इस मशीन काे इंस्टाल करने वाला टेक्नशियन पटना गया हुआ है. दो दिन में इंस्टाल होने पर इस सीबीसी मशीन का लाभ मरीज उठा सकेंगे. इसके चालू होने के साथ ही मरीजों का आरबीसी (रेड ब्लड सेल्स), हिमोग्लोबिन, हिमोटोक्रिट, प्लेटलेट्स काउंट, एमसीवी (मीन काॅरपसक्यूलर वॉल्यूम), एमसीएच (मीन काॅरपसक्यूलर हिमोग्लोबिन), एमसीएचसी, आरडीडब्ल्यू की जांच हो सकेगी. इस जांच का उपयोग एनिमिया, ल्यूकेमिया, इंफेक्शन आदि बीमारी की पुष्टि के लिए होता है.
पत्र मिल गया है, दो दिन में होगा शुरू: डॉ मंडल
पैथोलाजी के प्रभारी डॉ एके मंडल, एमडी पैथोलॉजी ने बताया कि सीबीसी मशीन लगने से संबंधित पत्र उन्हें शनिवार को मिल गया है. सीबीसी मशीन बस इंस्टाल होने की देर है. मंगलवार तक इसके शुरू हो जाने की पूरी उम्मीद है.
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