भागलपुर: जाने माने सिने अभिनेता शक्ति कपूर का कहना है कि फिल्मों में अब वही कलाकार चलेगा जो आलराउंडर होगा. समय के साथ वॉलीवुड भी बदल रहा है. हमारे यहां भी अब विश्वस्तरीय फिल्में बन रही हैं. हॉलीवुड भी हमारे साथ काम करना चाहता है. फिल्मों के इस बदलते दौर में तकनीक का जमाना है. फिल्म निर्माण में तकनीक का जबरदस्त प्रयोग हो रहा है. श्री कपूर बुधवार को यहां के एक होटल में पत्रकारों से बात कर रहे थे.
वे भागलपुर में पहला मॉल का निर्माण करा रही कंपनी जीटीएम के कार्यक्रम में भाग लेने आये हैं. देश की अधिकतर भाषाओं में 700 से अधिक फिल्मों में विलेन, चरित्र अभिनेता और कमेडियन का रोल कर चुके श्री कपूर ने कई मामलों पर बातचीत की. उन्होंने जीटीएम के कार्य को भी सराहा तो अपने कुछ चुनिंदा डायलॉग भी सुनाये. बिहार और भागलपुर की तारीफ करते हुए श्री कपूर ने कहा कि दोनों जगह बहुत खूबसूरत है. यहां के लोग अच्छे हैं.
सबसे अच्छी बात यह है कि यहां के लोग काफी जागरुक हैं. समय के साथ चलने में यकीन रखते हैं. बिहार तरक्की की राह पर है. यहां भी अच्छे स्कूल, अच्छे अस्पताल और मनोरंजन के साधन हों. राजनीति में आने के सवाल पर कहा कि मैं जहां हूं वहीं ठीक हूं. मुंबई में उत्तर भारतीयों खासकर बिहारियों पर होते हमले पर वालीवुड की चुप्पी और ठाकरे परिवार के दबाव पर उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है. ठाकरे परिवार का न तो कोई दबाव था और न है. फिल्म जगत में जात- पात, धर्म मजहब, प्रांत जैसी कोई बात नहीं है. हमलोग भारतीय दर्शन वसुधैव कुटुंबकम में विश्वास करने वाले हैं. हम किसी तरह के भेदभाव में यकीन नहीं रखते हैं. हमारे यहां सब बराबर है. फिल्मों में हो रहे बदलाव पर कहा कि अब तकनीक का जमाना है. पहले हम कृष 3 जैसी फिल्में बनाने की बात सोच भी नहीं सकते थे.
उसमें जो भी स्पेशल इफेक्टस हैं वो सब अपने देश में हुआ है. फिल्में मांग के अनुसार बनती है. पहले हिंदी फिल्मों में रेप का सीन अवश्य रहता था अब कहां. अब लोग संस्पेंस, थ्रिल, एक्शन, कामेडी देखना चाहते हैं. कॉमेडी पर उन्होंने कहा कि किसी को हंसाना सबसे बड़ा काम है. निगेटिव रोल निभाने पर हल्के- फुल्के अंदाज और मजाकिया लहजे में कहा कि इसमें रेप करना होता था. एक सवाल के उत्तर में कहा कि अब फिल्मों में आल राउंडर ही चलेगा. अब तो हीरो भी विलेन का रोल करने लगे हैं. पहले की तरह अब गाने नहीं बनते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अब अच्छे गाने नहीं लिखे जाते हैं. अभी भी अच्छे गाने चलते हैं.
उन्होंने कहा कि फिल्मों को देख कर समाज में कोई घटना नहीं घटती है बल्कि समाज में जो कुछ हो रहा है उस पर फिल्में बनती हैं. मैं ने तो पिछले 10 सालों में किसी फिल्म में रेप का सीन नहीं देखा,लेकिन क्या समाज में यह बंद हो गया. निजी जिंदगी के सवाल पर उन्होंने कहा कि पिछले चार दशक से सफल दांपत्य जीवन जी रहा हूं. दोनों बच्चे तरक्की कर रहे हैं. अपनी चुनिंदा फिल्मों के बारे में उन्होंने कहा कुर्बानी , सत्ते पे सत्ता, राजा बाबू आदि हैं. मेरी आनेवाली फिल्में जो भी करा लो, परेशानपुर आदि हैं. पिछले साल दिल्ली में 16 दिसंबर को निर्भया के साथ घटी घटना को उन्होंने अत्यंत दुखद बताते हुए कहा कि जो हुआ गलत हुआ. 16 दिसंबर को हम याद करें. हम आत्मचिंतन करें और संकल्प ले सकें कि दोबारा ऐसी घटना न हो. अंत में मैं हूं नंदू आपका बंधु के साथ बाय-बाय किया. संवाददाता सम्मेलन में जीटीएम के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक तुषार कुमार, कार्यकारी निदेशक परमजीत वालिया, रोहित साह, शिवशंकर झा आदि उपस्थित थे.