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बुनकरों को उबारने के लिए रोडमैप शीघ्र

भागलपुर : भागलपुर में सच में सिल्क उद्योग से जुड़े बुनकरों की हालत बेहद खराब है. बुनकरों की दशा-दिशा सुधारने के लिए राज्य सरकार गंभीर है और बहुत जल्द इसके नतीजे पर जमीन पर दिखने शुरू हो जायेंगे. रविवार को यहां एक अनौपचारिक मुलाकात में बिहार के प्रधान सचिव उद्योग डॉ एस सिद्धार्थ के ये […]

भागलपुर : भागलपुर में सच में सिल्क उद्योग से जुड़े बुनकरों की हालत बेहद खराब है. बुनकरों की दशा-दिशा सुधारने के लिए राज्य सरकार गंभीर है और बहुत जल्द इसके नतीजे पर जमीन पर दिखने शुरू हो जायेंगे. रविवार को यहां एक अनौपचारिक मुलाकात में बिहार के प्रधान सचिव उद्योग डॉ एस सिद्धार्थ के ये उद्गार थे. उन्होंने जोर देकर कहा कि बुनकरों की दशा तभी सुधरेगी, जब सरकारी लाभ सीधा उन तक पहुंचेगा. इसके लिए जरूरी है कि दलालों और बिचौलियों पर अंकुश लगाया जाये. इन्हीं की वजह से यहां के बुनकरों की आर्थिक रूप से कमर टूट गयी है.

बिहार के तेज-तर्रार ब्यूरोक्रेट्स में शुमार डॉ सिद्धार्थ ने बताया कि वे निजी तौर पर भागलपुर के बुनकरों की मौजूदा हालत से बहुत दुखी हैं. बुनकर बहुत तकलीफ में हैं, उनको तत्काल बिना देर किये मदद की जरूरत है. मदद ऐसी, जो कि सीधे जरूरतमंदों तक पहुंचे. उन्होंने कहा कि बुनकरों के हित में बड़ी-बड़ी योजनाएं बनाने की बजाय छोटे-छोटे लेकिन ठोस कदम उठाये जायेंगे. बुनकरों से सीधा संवाद करके सरकार उनका दुख दूर करेगी.
बिहार ही नहीं पूरे देश-दुनिया में भागलपुरी सिल्क का गौरव वापस दिलाना है, इसके लिए यहां के स्थानीय प्रशासन और प्रबुद्ध लोगों का भरपूर सहयोग लिया जायेगा. उन्होंने कहा कि अभी हालत यह है कि बुनकरों के नाम पर इतने संगठन बन गये हैं कि असली मुद्दा ही कहीं गुम हो गया है.
खास-खास
बुनकरों से सीधा संवाद
प्रधान सचिव उद्योग ने बताया कि अब बुनकरों से सीधा संवाद किया जायेगा. सरकार बुनकरों के लिए एक सोसाइटी का भी गठन करेगी. ये सोसाइटी बुनकरों के लिए बुनकरों द्वारा बुनकरों केे हित में ही काम करेगी.
बाजार दिलायेंगे
बुनकरों की कारीगरी और उनके उत्पाद को सरकार बाजार भी उपलब्ध करवायेगी. इसके लिए भागलपुर में एक स्थायी हाट बनाने की कोशिश की जा रही है. राज्य के अन्य हिस्सों में भागलपुरी सिल्क का इंपोरियम बना इसकी बिक्री की जायेगी.

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