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आकस्मिक फसल योजना को अपनाना जरूरी

देश-विदेश के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों ने शोध पत्र प्रस्तुत किया भागलपुर : मिट्टी स्वास्थ्य को बेहतर बनाना आज चुनौती है. मिट्टी संसाधन का दस्तावेज तैयार कर इसका उपाय खोजना चाहिए. उक्त बातें मुख्य अतिथि कोलकाता विश्वविद्यालय के प्रो कुणाल घोष ने बिहार कृषि विश्वविद्यालय के प्रेक्षागृह में मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के […]

देश-विदेश के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों ने शोध पत्र प्रस्तुत किया

भागलपुर : मिट्टी स्वास्थ्य को बेहतर बनाना आज चुनौती है. मिट्टी संसाधन का दस्तावेज तैयार कर इसका उपाय खोजना चाहिए. उक्त बातें मुख्य अतिथि कोलकाता विश्वविद्यालय के प्रो कुणाल घोष ने बिहार कृषि विश्वविद्यालय के प्रेक्षागृह में मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद‍्घाटन मौके पर कही. उन्होंने कहा कि किसानों को मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराकर उसके अनुशंसा के अनुसार खेती करने के लिए जागरूक करना आवश्यक है.
बीएयू के कुलपति डॉ अजय कुमार सिंह ने कहा कि आज जलवायु परिवर्तन की समस्या को देखते हुए विषम परिस्थिति का सामना करने के लिए आकस्मिक फसल योजना को अपनाने की जरूरत है. इसके लिए मौसम के अनुसार कृषि तकनीक विकसित करने और उसके अनुसार फसल उत्पादन करने के लिए किसानों को प्रेरित करने की आवश्यकता है. नयी शोध से विकसित कृषि तकनीक का दस्तावेज तैयार कर प्रसार कार्यकर्ताओं को उपलब्ध कराया जाये.
अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान फिलिपिन्स के डॉ रोलॉन्ड जे बुरेश ने फसल प्रणाली में विविधता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि क्षेत्र विशेष के अनुसार पोषक तत्व प्रबंधन को हर हाल में अपनाने पर बल दिया. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नयी दिल्ली के डॉ एससी दत्ता ने मिट्टी के स्वास्थ्य में ऑरगेनिक कार्बन की भूमिका व महत्ता पर प्रकाश डाला.
कुलपति डॉ अजय कुमार सिंह, प्रो कुणाल घोष, डॉ रोलॉन्ड जे बुरेश, डॉ एससी दत्ता, डॉ एम कुमार, डॉ आरके सोहाने, डॉ बीबी मिश्रा, डॉ अंशुमान कोहली, डीन डायरेक्टर व वैज्ञानिकों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का आगाज किया. अधिष्ठाता कृषि ने आगत अतिथियों को पुष्प गुच्छ,अंग वस्त्र व मोमेंटो प्रदान कर सम्मानित किया.
छात्राओं ने स्वागत गान गाकर अतिथियों का स्वागत किया. अधिष्ठाता कृषि ने विश्वविद्यालय के मृदा विज्ञान व कृषि रासायन विभाग की शोध और उपलब्धियों पर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. प्राचार्य डॉ बीबी मिश्रा ने मिट्टी के स्वास्थ्य में लगातार हो रही गिरावट पर चिंता जाहिर की और हर हाल में इसे बेहतर करने पर बल दिया.
तकनीकी सत्र में कुल 12 विभिन्न विषयों में देश-विदेश से आये वैज्ञानिकों के शोध पत्र प्रस्तुत किया. पोस्टर सेशन में एक से बढ़ कर एक जानकारी वाले पोस्टर का प्रदर्शन किया गया. विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश कर खूब तालियां बटोरी.

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