भागलपुर : गणतंत्र दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है. एक ऐसा दिन जब हम उत्साह, जोश से लबरेज होते हैं. राष्ट्र निर्माण के लिए कुछ भी कर गुजरने की तमन्ना और बलवती जो जाती है. लेकिन बदलते दौर के साथ यहां भी एक तरह की औपचारिकता कुछ हद तक हावी हुई है. गणतंत्र दिवस के अनुभव को कुछ गण्यमान्य लोगों ने बताया.
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गणतंत्र दिवस : पुलिस अधिकारियों का अनुभव
भागलपुर : गणतंत्र दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है. एक ऐसा दिन जब हम उत्साह, जोश से लबरेज होते हैं. राष्ट्र निर्माण के लिए कुछ भी कर गुजरने की तमन्ना और बलवती जो जाती है. लेकिन बदलते दौर के साथ यहां भी एक तरह की औपचारिकता कुछ हद तक हावी हुई है. गणतंत्र दिवस के अनुभव […]
मुझे याद है स्कूल के दिनों में गणतंत्र दिवस आने से कई दिनों पहले से ही माहौल देशभक्ति का हो जाता था. राष्ट्रीय पर्व को सेलिब्रेट करने की तैयारी में हम लग जाते थे. स्कूलों में साफ सफाई होती थी. देश भक्ति गाने बजते थे. गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराया जाता था. हमें स्वीट्स मिलती थीं. कुछ गेम भी आयोजित होते थे.
हम सेलिब्रेशन के मूड में तो रहते थे पर दिल में देश का सम्मान भरा रहता था. समझदारी बढ़ने के साथ ही देश भक्ति की भावना भी बढ़ती गयी. हम कुछ भी होने से पहले भारतीय हैं, इस बात का गर्व है. हम सभी को सम्मान के साथ इस दिन काे सेलिब्रेट करना चाहिए.बच्चू सिंह मीणा, आइजी
बचपन में गणतंत्र दिवस के मौके पर कितना खुश होता था और कैसा माहौल रहता था उसे याद कर आज भी बहुत खुशी मिलती है. इस खास दिन की शुरुआत प्रभात फेरी के साथ होती थी. कई दिन पहले से ही स्कूल और घर के आसपास साफ सफाई शुरू हो जाती थी. राष्ट्रीय उत्सव का माहौल होता था. हम सभी राष्ट्रगान का रिहर्सल करते थे. स्कूल और घर को सजाते. लाल बहादुर शास्त्री जी पीएम थे तब भी मैंने गणतंत्र दिवस सेलिब्रेट किया था. स्कूल में जलेबी मिलती थी. कुछ जलेबी मैं अपनी बहन के लिए भी बचा कर लाता था. फुटबॉल के कुछ मैत्री मैच भी होते थे. हम सभी को एक साथ मिल कर इस खास दिन को सेलिब्रेट करना चाहिए. उपेंद्र कुमार सिन्हा , डीआइजी
जब बहुत छोटा था तब गणतंत्र दिवस के बारे में समझ नहीं पाता था. लेकिन सेलिब्रेट तो तब भी करता था. जब समझदारी आयी और गणतंत्र दिवस का मतलब जाना तो इस खास दिन को राष्ट्रीय पर्व की तरह सेलिब्रेट करने लगा. देश के लिए अति महत्वपूर्ण इस दिन का माहौल पूरी तरह से देश भक्ति का होता था. देश भक्ति गाने बजते थे. उत्सव सा माहौल रहता था. इस उत्सव में सभी एक होते. सेलिब्रेशन का तरीका भले बदल गया हो पर आज भी हम सभी के लिए यह एक राष्ट्रीय उत्सव का ही दिन होता है. विवेक कुमार, एसएसपी
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