सीबीसीएस क्रियान्वयन की मांगी रिपोर्ट-टीएमबीयू के पास न तो पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर है और न ही शिक्षकआरफीन, भागलपुरयूजीसी ने तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय से च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के क्रियान्वयन को लेकर रिपोर्ट मांगी है. सीबीसीएस का उद्देश्य है कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सके. इस आशय का पत्र यूजीसी के अध्यक्ष प्रो वेद प्रकाश ने विवि प्रशासन को भेजा है. सत्र 2015-16 से स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर पर सीबीसीएस का क्रियान्वयन अनिवार्य करने को कहा गया है. यूजीसी ने इसी सत्र से देश के सारे विश्वविद्यालयों को इसे लागू करने का निर्देश जारी किया है. विवि में सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर का घोर अभाव है. शिक्षकों की भी भारी कमी है. टेक्नोलॉजी बेस्ड सपोर्ट नहीं है. सेमेस्टर सिस्टम लागू करने के लिए नया सिलेबस भी अब तक नहीं बन पाया है. इसके लिए टीएमबीयू के विकास पदाधिकारी सह यूजीसी के नोडल पदाधिकारी डॉ इकबाल अहमद इस वर्ष मुंबई में यूजीसी द्वारा आयोजित बैठक में भाग ले चुके हैं. दूसरी ओर विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर स्तर पर सेमेस्टर सिस्टम लागू तो है, लेकिन विवि के किसी भी कॉलेज में स्नातक स्तर पर सेमेस्टर सिस्टम लागू नहीं है. इसके लिए अभी तक कोई प्रयास भी शुरू नहीं किया गया है. सीबीसीएस लागू हो जाये, तो स्नातक का एक कोर्स करते हुए दूसरा मनचाहा कोर्स छात्र कर सकते हैं. लेकिन इसे लेकर विवि में किसी भी तरह की कोई व्यवस्था फिलहाल नहीं है. कुल मिला कर स्थिति यही है कि इस सिस्टम को लागू करने के लिए कई वर्ष लग सकते हैं. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी विवि को पत्र लिख कर 2015 से ही इसे अनिवार्य रूप से लागू करने का निर्देश दिया है. 2015-16 से उच्च शिक्षा की पढ़ाई च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम से ही करने को कहा है. इससे विवि के 70 फीसदी पाठ्यक्रम एकरूप होंगे. इससे छात्रों का आकलन व मूल्यांकन क्रेडिटों पर आधारित होगा. ट्रांसफर का भी विकल्प सीबीसीएस में एक यूनिवर्सिटी से दूसरे यूनिवर्सिटी में जाने का विकल्प है. इसके तहत सभी अंडर ग्रेजुएट व पोस्ट ग्रेजुएट लेवल की डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट प्रोग्राम में यह लागू होगा. सेंट्रल, स्टेट और डीम्ड यूनिवर्सिटी इस हिसाब से इसे आकलन करेगी. ट्रांसफर होने पर जितना क्रेडिट छात्र ने प्राप्त किया है वह दूसरे यूनिवर्सिटी में ट्रांसफर हो जायेगा. इस प्रणाली में स्टूडेंट अंतिम तौर पर जिस यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन के लिए निर्धारित कुल 72 क्रेडिट प्राप्त करेंगे, उसी यूनिवर्सिटी से डिग्री मिलेगी. यह है सीबीसीएस यूनिवर्सिटी में लागू होनेवाली यह व्यवस्था परंपरागत शिक्षा व्यवस्था से अलग है. च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के लागू होने के बाद अगर कोई बीएससी का छात्र जो मैथ, फिजिक्स, केमिस्ट्री आदि विषय का अध्ययन कर रहा हो, वह चाहे तो हिस्ट्री, सोशल साइंस आदि विषय अपनी रुचि के अनुसार भी पढ़ सकेगा. उत्तीर्ण होने के लिए उसे अपने मुख्य कोर्स बीएससी में निर्धारित क्रेडिट प्राप्त करने के बाद शेष क्रेडिट वह मनचाहे विषय से जुटा सकता है.ऐसा है पैटर्न -सीबीसीएस लागू होने से यूनिवर्सिटी के परीक्षा पैटर्न में भी बदलाव होगा. इसमें विषय की हर यूनिट के क्रेडिट (अंक) निर्धारित होंगे. छात्रों को एक विषय के सभी यूनिट में अलग-अलग पास होने पर ही विषय में पास घोषित किया जायेगा, लेकिन अब तक विषय की सभी यूनिट के अंक मिला कर पासिंग नंबर लाना पड़ता है.
सीबीसीएस क्रियान्वयन की मांगी रिपोर्ट
सीबीसीएस क्रियान्वयन की मांगी रिपोर्ट-टीएमबीयू के पास न तो पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर है और न ही शिक्षकआरफीन, भागलपुरयूजीसी ने तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय से च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के क्रियान्वयन को लेकर रिपोर्ट मांगी है. सीबीसीएस का उद्देश्य है कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सके. इस आशय का पत्र यूजीसी के अध्यक्ष प्रो […]
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