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बड़ी खंजरपुर व मुसहरी घाट से हटाया गया अतक्रिमण

बड़ी खंजरपुर व मुसहरी घाट से हटाया गया अतिक्रमण फोटो- मनोज- बड़ी खंजरपुर से करीब 200 और मुसहरी घाट क्षेत्र से करीब दो दर्जन मेडिकल की जमीन पर बने अवैध घरों को हटाया गया- बड़ी खंजरपुर क्षेत्र में 40-50 सालों से मेडिकल कॉलेज की जमीन पर अवैध तरीके से रह रहे थे लोग – हाई […]

बड़ी खंजरपुर व मुसहरी घाट से हटाया गया अतिक्रमण फोटो- मनोज- बड़ी खंजरपुर से करीब 200 और मुसहरी घाट क्षेत्र से करीब दो दर्जन मेडिकल की जमीन पर बने अवैध घरों को हटाया गया- बड़ी खंजरपुर क्षेत्र में 40-50 सालों से मेडिकल कॉलेज की जमीन पर अवैध तरीके से रह रहे थे लोग – हाई कोर्ट के आदेश पर मेडिकल कॉलेज की जमीन से हटाया जा रहा है अतिक्रमण संवाददाता,भागलपुर मेडिकल कॉलेज की जमीन पर से अतिक्रमण को हटाने का काम रविवार को तीसरे दिन भी जोर-शोर से जारी रहा. बड़ी खंजरपुर के मेडिकल काॅलेज की जमीन पर अवैध तरीके से दो पीढ़ियों से रह रहे करीब 200 घरों को हटाया गया. मुसहरी घाट क्षेत्र से भी करीब दो दर्जन अवैघ तरीके से बने मकानों को हटाया गया. अतिक्रमण हटाने का काम शांतिपूर्वक चला. सुबह 10 बजे लाउडस्पीकर से प्रशासन की ओर से घोषणा करवा दी गयी कि आप लोग घरों को खाली कर दें. भारी संख्या में पुलिस बल के साथ एसडीओ व सिटी डीएसपी दो बुलडोजर के साथ अतिक्रमण स्थल पर पहुंचे. करीब 11 बजे से खाली किये गये घरों को बुलडोजर से ध्वस्त करने का काम शुरू हो गया. एसडीएम सदर कुमार अनुज ने बताया कि अतिक्रमण हटाये गये जमीन पर दोबारा कब्जा नहीं हो, इसके लिए अतिक्रमण हटाने के साथ-साथ चहारदिवारी देने का काम भी शुरू कर दिया जायेगा.अस्पताल अधीक्षक ने कहा कि हटाये गये स्थानों पर अगर फिर से अवैध कब्जा किया जाता है तो ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जायेगा. अधीक्षक ने कहा कि सोमवार को भी बड़ी खंजरपुर के मेडिकल जमीन से बाकी बचे अतिक्रमण हटाने का अभियान जारी रहेगा. बॉक्स में ………………….बेघर हुए लोगों की एक ही चिंता अब कहां रहेंगे ठंड के मौसम में अचानक आशियाना तोड़ देने से बेघर हुए लोगों को समझ में ही नहीं आ रहा था कि अब वह लोग कहां जाकर रहें. पत्रकार जब अतिक्रमण के शिकार लोगों से बातचीत कर रहे थे, तो पलट कर वे लोग पत्रकार से ही पूछते थे कि आखिरकार अब वे दूध मुंहा बच्चे, बूढ़ी मां और छोटे-छोटे बच्चों को लेकर कहां जाकर रहें. अब तो इस हाड़ तोड़ ठंड में खुले आसमान के नीचे ही रहना पड़ेगा. बेघर हो गयी आशा देवी, कौशल्या देवी, विनोद सिंह, किशुन साह, भुक्की पासवान, सधिया देवी आदि ने बताया कि वे लोग 40-50 सालों यानी दो पीढ़ियों से यहां रह रहे थे. बेटा-बेटी की शादी यहीं से किये अब पोता-पोती भी बड़े हो गये है. वैसे काफी लोग अपने-अपने सामान को लेकर किसी रिश्तेदार या दूसरे ठिकाने पर चले गये. 2013 में अंचलाधिकारी ने सैकड़ों लोगों को दी थी परची बेघर लोगों में धमेंद्र कुमार ने बताया कि वह लोग 2013 में आठ दिनों तक अनशन पर बैठे थे. उस समय तात्कालीन सांसद शाहनवाज हुसैन, अंचलाधिकारी नवीन भूषण को लेकर आये थे और सभी को परची देकर कहा था कि तीन-तीन डिसिमल जमीन दी जायेगी. रवि हरि ने बताया कि महादलित 84 लोगों को सरकार की ओर से परची दी गयी थी, लेकिन अबतक एक को भी परची से जमीन नहीं मिली. अधिकतर लोग गंगा पार के यहां बसे थे, जिनका घर गंगा के कटाव में विलीन हो गया था.

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