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महुआ सड़ानेवाले कुएं ने ली थी चार लोगों की जान

महुआ सड़ानेवाले कुएं ने ली थी चार लोगों की जान संवाददाता, भागलपुरलगभग ढाई वर्ष पूर्व वसंत पंचमी के माहौल में भिट‍्ठी गांव में उस वक्त कोहराम मच गया था, जब करैली चौधरी के महुआ सड़ाने वाले कुएं में एक एक कर चार लोग मौत की नींद सो गये थे. घटना से सुलतानपुर भिट‍्ठी व उसके […]

महुआ सड़ानेवाले कुएं ने ली थी चार लोगों की जान संवाददाता, भागलपुरलगभग ढाई वर्ष पूर्व वसंत पंचमी के माहौल में भिट‍्ठी गांव में उस वक्त कोहराम मच गया था, जब करैली चौधरी के महुआ सड़ाने वाले कुएं में एक एक कर चार लोग मौत की नींद सो गये थे. घटना से सुलतानपुर भिट‍्ठी व उसके आस पास के गांवों में जब यह खबर जंगल की आग की तरह फैली, तो देखते ही देखते हजारों लोगों की भीड़ मौके पर जुट गयी थी. हर कोई करैली के आंगन की मौत के कुएं को देखने और उसका राज जानने को बेताब थे. जब यह पता चला कि वर्षों से इस कुएं में महुआ की बोरी रस्सी के सहारे बांध कर सड़ायी जाती थी. इस वजह से ही कुएं का पानी जहरीला हो गया था. कुएं से उठती जानलेवा गैस में दम घुटने से ही इन चार लोगों की मौत होने की वजह से लोग अवाक रह गये थे. एक तरफ लोगों की दर्दनाक मौत पर अफसोस जता रहे थे. सुलतानपुर भिट‍्ठी गांव के लोग आज भी उस दर्दनाक हादसे को नहीं भूल पा रहे हैं. गांव के एक बुजुर्ग ने बताया कि गांव के युवक सरस्वती विसर्जन में लगे थे. डीजे की धुन पर सब मस्ती में नाचते झूमते सरस्वती माता के विसर्जन में जा रहे थे. तभी एकाएक करैली चौधरी के घर से हो हल्ला की आवाज निकली. जैसे ही घटना की पूरी जानकारी मिली, पूरा गांव स्तब्ध रह गया. करैली चौधरी का खस्सी महुआ सड़ाने वाले कुंए में किसी तरह डूब गया था. करैली सीढ़ी गिरा कर खस्सी को निकालने के लिए कुएं में उतरा, तो वह अंदर ही रह गया. पिता को कुएं से नहीं निकलते देख उसका बड़ा बेटा कन्हाय चौधरी भी कुएं में उतर गया. वह भी अंदर ही रह गया. इसी बीच करैली का तीसरा बेटा संजय चौधरी अभी अभी ससुराल से लौटा था. पिता भाई के कुंए में घुसने पर नहीं निकलने की सुन वह सीधे कुएं में कूद गया. वह भी अंदर ही रह गया. तीन आदमी के अंदर ही रह जाने पर उसके यहां अक्सर शराब पीने वाले सुशील पासवान नशे के तैश में आकर कुएं में उतर गया. वह भी अंदर ही रह गया. सबकी मौत कुएं के अंदर वर्षों से जमी जहरीली गैस में दम घुटने से हो गयी थी. एक सप्ताह तक तो सुलतानपुर भिट‍्टी गांव में हर किसी की जुबान पर सिर्फ यही घटना की चर्चा थी. भिट‍्ठी चौपाल के पास मिलता है शराब निर्माण का सामान भिट‍्ठी चौपाल चौक के पास एक घर में शराब निर्माण का सामान थोक में बिकता है. ग्रामीण का कहना है कि व्यवसायी का यहां बराबर ट्रक का ट्रक गुड़ का टिन उतरता है. इसके यहां से शराब कारोबारी ईस्ट नाम से माचिस के डब्बे के आकार का नशीला गोली खरीदते हैं. इस गोली को जावा महुआ के साथ हड़िया में गलाया जाता है. यही दुकानदार पूरे भिट‍्ठी के शराब बनाने वालों को महुआ व यूरिया भी उपलब्ध कराता है. ये इतने शातिर हैं कि शराब बनाने वालों के अलावा ये सामान किसी अन्य लोगों को नहीं बेचते हैं. पेट भर खाना व तन ढकने के कपड़े काे तरसता है शराबियों के परिवारग्रामीणों ने बताया कि अधिकतर शराबी गरीब मजदूर व किसान परिवार के लोग हैं. इनकी अधिकांश कमायी शराब की भट‍्ठी में भस्म हो रही है. आज हाल यह है कि अधिकतर शराबियों के परिवार को पेट भर खाना और तन ढकने के लिए कपड़े के लिए तरसना पड़ रहा है. अधिकतर शराबी बीमारी के शिकार हो रहे हैं, लेकिन पैसे के अभाव में इनका इलाज नहीं होता. शराबियों के परिवार के बच्चे पढ़ाई करने की उम्र में होटलों, दुकानों या किसी के घर खेत में नौकरी कर रहे हैं. महिलाएं दिहाड़ी मजदूरी करती हैं. इनके परिवारों की स्थिति बेहद खराब है.

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