बढ़ते ठंड से किसान रहें सावधान-सरसों व अरहर में लाही लगने की संभावना-आलू के पौधे में लग सकता है झूलसा रोगसंवाददाता, भागलपुर ठंड बढ़ने व कोहरे की दस्तक के साथ ही कृषि विभाग ने सरसों, अरहर व आलू लगाने वाले किसानों को सावधान किया है. आलू के पौधे में झूलसा का प्रकोप, सरसों व अरहर में लाही का प्रकोप की संभावना बढ़ गयी है. ऐसे में किसानों को संबंधित फसल के पौधे में कीटनाशक दवा का छिड़काव व अन्य प्रकार के रोकथाम के उपाय कर सकते हैं. सहायक निदेशक पौधा संरक्षण रवींद्र महतो ने बताया कि आलू में झूलसा के प्रकोप पर नियंत्रण पाने के लिए रिडोमील या मेंकोजेब या कंपेनियन या मेक्टोजेड-78 दो ग्राम एक लीटर पानी में मिला कर छिड़काव किया जा सकता है, इसमें स्टीकर या डिटर्जेंट का उपयोग करने से अधिक लाभ मिलता है. श्री महतो ने बताया कि सरसों के पौधों को लाही से बचाने के लिए येलो स्ट्रीकी ट्रेप या पीला फंदा का उपयोग कर सकते हैं. किसानों को प्रति एक हेक्टेयर भूमि में 10 जगह पर लगाने से लाही पर नियंत्रण किया जा सकता है. पीला फंदा में लाही को आकर्षित करने विशेष गुण होता है, जिससे सभी लाही उसी में आकर फंस जाते हैं और सरसों व अरहर के पौधे लाही के दुष्प्रभाव से बच जाते हैं. धूप निकलने पर करें दवा का छिड़कावउन्होंने किसानों को सलाह दी है कि धूप निकलने पर दवा का छिड़काव करना चाहिए. इसमें दवा का पूरा प्रभाव कीट व अन्य रोगों पर पड़ता है और पौधों को अधिक से अधिक लाभ मिलता है. दोपहर 12 से दो बजे के बीच दवा का छिड़काव करना अधिक लाभदायक है. फूल निकलने के समय दवा का छिड़काव नहीं करना चाहिए. इस समय परागन होता है. यदि परागन के सहायक कीट मर गये, तो परागन नहीं होगा और फल नहीं बनेंगे. ऐसे में किसानों को अधिक से अधिक उपज नहीं मिलेगा.
बढ़ते ठंड से किसान रहें सावधान
बढ़ते ठंड से किसान रहें सावधान-सरसों व अरहर में लाही लगने की संभावना-आलू के पौधे में लग सकता है झूलसा रोगसंवाददाता, भागलपुर ठंड बढ़ने व कोहरे की दस्तक के साथ ही कृषि विभाग ने सरसों, अरहर व आलू लगाने वाले किसानों को सावधान किया है. आलू के पौधे में झूलसा का प्रकोप, सरसों व अरहर […]
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