भागलपुर: जेएलएनएमसीएच में बुधवार को एक तरफ स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे निरीक्षण कर रहे थे, वहीं दूसरी ओर मेडिसिन विभाग के मेल चेस्ट वार्ड के बेड नंबर 12 पर भरती मरीज उर्मिला देवी को नर्स ने एक्सपायर दवा खाने को दे दी.
यह तो गनीमत थी कि पति महेंद्र मंडल की नजर पड़ गयी और उसने दवा खाने से रोक दिया. आनन-फानन में नर्स ने उक्त दवा ले ली और दूसरी दवाई मरीज को खाने को दी. ड्यूटी पर मौजूद सिस्टर अर्चना सिन्हा ने कहा कि जिस नर्स ने भी उसे दवा दी थी उसे खाने से कु छ भी नहीं होता. मरीजों की भीड़ के कारण कई बार ऐसी गलती हो जाती है, लेकिन मरीज ने दवा नहीं खायी है इसलिए कोई बात ही नहीं है.
क्या है मामला
गोराडीह प्रखंड के कासिमपुर पंचायत अगड्डा गांव की उर्मिला देवी कालाजार से ग्रसित है. उसे 26 अप्रैल को अस्पताल में भरती कराया गया. उसे डॉ डीपी सिंह के यूनिट में रखा गया है. बुधवार को उसे नर्स ने मिल्तेफोजाइन 50 एमजी की दवा खाने को दी, जबकि वह दवा मार्च 2013 में ही एक्सपायर हो चुका था. पति ने बताया कि हम उस वक्त नहीं थे, उसे किसी नर्स ने दवा दी. जब हम आये, तो वह दवा खा रही थी तभी हम देखे तो वह एक्सपायर हो गया था. मैंने उसे दवा खाने से रोक दिया. इस दवा को खाने के बाद मरीज को उल्टी की शिकायत होती है. इससे चिकित्सक दवा के बदले इंजेक्शन देते हैं, लेकिन अस्पताल में इंजेक्शन ही नहीं है.
बचाव में उतरे मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे ने उक्त मामले की जांच का निर्देश डॉ अभिलेष व मेट्रॉन चाइना मुखर्जी को दिया. मंत्री का कहना था कि उक्त दवा को मरीज के पति ने अपने किसी रिश्तेदार से मांग कर लाया था. अस्पताल से वह दवा नहीं दी गयी थी.