भागलपुर : ड्रग इंस्पेक्टर शशि रंजन के नेतृत्व में दवा जांच टीम ने मंगलवार को तिलकामांझी स्थित राज मेडिकल हॉल में धावा बोला. करीब तीन घंटे चले दवा निरीक्षण में गर्भवती व बच्चों से जुड़ी 21 प्रकार की दवाओं की जांच की गयी. जांच में 15 प्रकार की दवाओं की की खरीद प्रति दुकानदार नहीं दिखा पाये. जांच टीम ने इन दवाओं को बेचने पर रोक लगा दी है. ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि जिस दवाई की परचेज बिल नहीं मिला,
उस दवा के डुप्लीकेट दवा होने की आशंका रहती है. इसके अलावा कैश मेमो में भी त्रुटि पायी गयी है और कैश मेमो अपडेट नहीं था. दुकान पर लाइसेंस प्रदर्शित नहीं किया गया था. लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं हुआ था. हर पांच साल पर दवा दुकानों का नवीनीकरण होता है. दवाओं पर धूल जमी थी.
निरीक्षण के दौरान दुकान पर फार्मासिस्ट नहीं थे और न ही दुकान मालिक राघवेंद्र कुमार दास ही थे. दुकान पर मालिक का भाई बैठा था. बता दें कि कैश मेमो के बिना दवा की बिक्री करना एक अपराध है. जांच टीम में ड्रग इंस्पेक्टर शशि रंजन के अलावा धमेंद्र कुमार और प्रमोद कुमार के अलावा दंडाधिकारी अनुमंडल कृषि पदाधिकारी सुरेंद्र प्रसाद सिंह और पुलिस बल भी थे.