28.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रजस्ट्रिी की बढ़ी शुल्क पर असमंजस बरकरार

रजिस्ट्री की बढ़ी शुल्क पर असमंजस बरकरार बढ़े पैसे के वापस देने की घोषणा के बाद भी स्थिति स्पष्ट नहींकम शुल्क के स्टांप होने पर ही साॅफ्टवेयर में इंट्री होती है बंद, अधिक में नहीं वरीय संवाददाता, भागलपुरजमीन रजिस्ट्री के गुपचुप तरीके से बढ़े शुल्क और शोर-शराबे के बाद वापस लेने की घोषणा पर अभी […]

रजिस्ट्री की बढ़ी शुल्क पर असमंजस बरकरार बढ़े पैसे के वापस देने की घोषणा के बाद भी स्थिति स्पष्ट नहींकम शुल्क के स्टांप होने पर ही साॅफ्टवेयर में इंट्री होती है बंद, अधिक में नहीं वरीय संवाददाता, भागलपुरजमीन रजिस्ट्री के गुपचुप तरीके से बढ़े शुल्क और शोर-शराबे के बाद वापस लेने की घोषणा पर अभी भी असमंजस बरकरार है. निबंधन विभाग द्वारा बढ़ा हुआ शुल्क एच्छिक होने के कारण कई रजिस्ट्री कराने आये लोगों ने अधिक शुल्क जमा करा दिया है. इन लोगों में अधिक शुल्क की वापसी होने की आस बढ़ गयी है. मगर निबंधन विभाग ने अभी तक शुल्क वापसी को लेकर कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किया है. इस कारण विभाग के पदाधिकारी भी मामले को लेकर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं. यह हुआ था मामला 21 नवंबर को पटना में राजस्व की समीक्षा के बाद स्थानीय स्तर पर निबंधन विभाग द्वारा नोटिस चस्पा कर दिया गया. इसमें न्यूनतम निबंधन शुल्क(एमवीआर) में 20 फीसदी अधिक लेने का उल्लेख किया गया. गुपचुप तरीके से बढ़े शुल्क को लेकर विभाग ने कोई नोटिफिकेशन का भी हवाला नहीं दिया. मामले को लेकर सूत्रों ने बताया कि रजिस्ट्री कराने आये लोगों से अधिक शुल्क एेच्छिक तौर पर लिया जा रहा है. शुल्क को लेकर कोई सख्ती नहीं की जा रही है. बढ़ी शुल्क पर कई दिनों तक चलती रही रजिस्ट्री कातिब व प्राॅपर्टी डीलर के अनुसार नोटिस चस्पा होने के बाद अधिक शुल्क देकर रजिस्ट्री की कार्रवाई चली. जिन्हें नोटिफिकेशन की जानकारी थी, वे अधिक शुल्क का स्टांप पेपर नहीं ले रहे थे. वहीं अनजान व्यक्तियों लोगों ने अधिक का स्टांप पेपर खरीद लिया. कम शुल्क पर हो रही रजिस्ट्री की नहीं होती इंट्री निबंधन विभाग के जमीन रजिस्ट्री सॉफ्टवेयर में निर्धारित एमवीआर से कम शुल्क की राशि की इंट्री नहीं होती है. जबकि अधिक शुल्क के होने पर साॅफ्टवेयर द्वारा कोई सूचना नहीं दी जाती है. कई कातिब ने विभाग के इस साॅफ्टवेयर की तकनीक पर सवाल उठाया है. उनका कहना है कि जब सरकार एमवीआर तय करती है तो वह अपने साॅफ्टवेयर में निर्धारित दर की गणना फीडिंग क्यों नहीं कर रखा है. इस मामले में भी पड़ताल होनी चाहिए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें