भागलपुर: जिला भाजपा का अंदरुनी कलह अब पूरी तरह से सतह पर आ गया है. सांसद शाहनवाज हुसैन व विधायक अश्विनी चौबे का खेमा खुल कर अब एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं.
इससे भागलपुर में सियासी सरगर्मी अचानक बढ़ गयी है. विधायक खेमा जहां सांसद को हमेशा जिला संगठन को दरकिनार करने का आरोप लगा रहा है, वहीं सांसद खेमा जिला संगठन पर ही सवाल खड़े कर रहा है. दरअसल, जिला की सियासी हलचल में अचानक उफान उस समय आ गया जब जजर्र सड़कों को लेकर विभिन्न राजनीति दल सड़क पर उतरने लगे. कांग्रेस पार्टी का जीरो माइल के महाधरना के तत्काल बाद विधायक अश्विनी चौबे ने भी पटल बाबू रोड जाम करते हुए पगली घंटी बजायी तो एक दिन पूर्व घोघा में एनएच पर प्रदर्शन किया. विधायक श्री चौबे के इस प्रदर्शन से सांसद खेमा ने खुद को अलग-थलग ही नहीं रखा. इससे एक दिन पूर्व सांसद श्री हुसैन विशेष विमान से भागलपुर आये. घोघा में ही एक कार्यक्रम में शिरकत किया, लेकिन वह विधायक के किसी आंदोलन में शरीक नहीं हुए.
इसको लेकर भाजपा में गुटबाजी की खुल कर चर्चा होने लगी. इस पर जवाब देते हुए विधायक व सांसद की खेमेबाजी पूरी तरह से सतह पर आ गयी. राजनीति प्रक्षकों की मानें तो इसके पीछे संसदीय चुनाव को ही कारण बताया जा रहा है. माना जा रहा है कि श्री चौबे भी अब संसद का रुख करना चाह रहे हैं. पिछले दिनों आयी बाढ़ के दौरान नाथनगर, नवगछिया, कहलगांव आदि क्षेत्रों का भ्रमण व अब सड़क को लेकर घोघा में श्री चौबे द्वारा आंदोलन करने के पीछे के नीहितार्थ यही निकाले जा रहे हैं. हालांकि अब तक इस मुद्दे को लेकर विधायक या सांसद ने अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया है.
लेकिन दोनों के समर्थक खुल कर बयानबाजी कर रहे हैं. आलम यह है कि सांसद समर्थक को जिला संगठन को ही मानने को तैयार नहीं है, तो दूसरा खेमा राष्ट्रीय प्रवक्ता होने के बावजूद सांसद पर जिला संगठन को कोई तवज्जो नहीं देने का आरोप मढ़ रहा है. इस सियासी उठापठक से भाजपा के कार्यकर्ता असमंजस में आ गये हैं.