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वक्रिमशिला पुल फिर महाजाम

विक्रमशिला पुल फिर महाजाममुसीबत बना सड़क जाम, स्थित बेकाबू होने पर आती पुलिसएनएच-80 और 31 को जोड़नेवाले एप्रोच पथ पर पूरी तरह से थमी रही रफ्तार-घंटों फंसी रही एंबुलेंस, पुल पर घंटों बजता रहा सायरन, फिर भी किसी को नहीं पड़ा कोई फर्क -शोर-शराबा और बकझक के बाद एक-दूसरे के बीच हाथापाई तक तक की […]

विक्रमशिला पुल फिर महाजाममुसीबत बना सड़क जाम, स्थित बेकाबू होने पर आती पुलिसएनएच-80 और 31 को जोड़नेवाले एप्रोच पथ पर पूरी तरह से थमी रही रफ्तार-घंटों फंसी रही एंबुलेंस, पुल पर घंटों बजता रहा सायरन, फिर भी किसी को नहीं पड़ा कोई फर्क -शोर-शराबा और बकझक के बाद एक-दूसरे के बीच हाथापाई तक तक की आ गयी थी नौबत -शहर में भी सड़कों पर भी जाम से पूरे दिन अजीज रहे लोग एक बार फिर सोमवार का दिन शहरवासियों के लिए आफत भरा रहा. घर से निकलने के बाद सड़क पर वाहनों की लंबी कतार और घंटे लगने वाले जाम से वह पूरे दिन अजीज रहे. जाम हटाने वाले जिम्मेवार भी दोपहर बाद कार्रवाई के लिए सड़क पर आये. इससे पहले जाम में स्कूल बस से लेकर एंबुलेंस भी फंसी रही. बेतरतीब खड़े वाहनों के कारण पैदल चल रहे लोगों को भी मुश्किलें आयी. दोपहर 11 बजे से लेकर दोपहर दो बजे तक जाम से विक्रमशिला पुल की रफ्तार थम सी गयी थी, तो अंदरूनी शहर के चौक-चौराहे से गुजरना मुश्किल बना रहा. संवाददाता, भागलपुर विक्रमशिला पुल पर सोमवार को फिर जाम लगने से वाहन जहां स्थिर हुए, वहीं घंटों फंसे रह गये. पुल जाम रहने से हर वर्ग के लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ा. बेतरतीब तरीके से खड़े वाहनों के कारण लोगों को पैदल आगे बढ़ने तक के लिए जगह नहीं मिली. इस जाम में एंबुलेंस भी फंसी रही. मरीज की जान बचे इसके लिए उनके परिजनों को भगवान को याद करते रहे. यही स्थित शहर के अंदरूनी चौक-चौराहों की भी रही. सांसद के गांव राघोपुर से मरीज को लेकर शहर आ रही एंबुलेंस का बीच पुल पर घंटों सायरन बजता रहा, फिर भी किसी व्यक्ति को कोई फर्क नहीं पड़ा. आखिरकार एंबुलेंस को आगे बढ़ने के लिए पुल पर रास्ता नहीं मिला. ओवरटेक करने से वाहनों के कारण जाम की स्थिति दोपहर 11 बजे बनी थी, जो दोपहर दो बजे तक रही. इस बीच एक के बाद एक कर वाहनों के पीछे वाहन लगते चले गये, जिससे पुल पर वाहनों की लंबी कतार लग गयी. जिस वाहन को जहां जगह मिली, वहां से निकलने का प्रयास किया गया. नतीजा, विक्रमशिला पुल छोटी-बड़ी वाहनों से पैक हो गया. एनएच-80 और 31 को जोड़नेवाले विक्रमशिला सेतु के एप्रोच पथ पर रफ्तार पूरी तरह से थम सी गयी थी. जाम लगने से बीच पुल पर शोर-शराबा और बकझक के बाद एक-दूसरे के बीच हाथापाई तक तक की नौबत आ गयी थी. लोग इस बात पर एक-दूसरे से झगड़ने लगे थे कि पीछे वाले अपने आगे वाले व्यक्ति को थोड़ा और आगे बढ़ने कह रहा था, मगर आगे वाले को मजबूरन सुन कर अनसुना करना पड़ा. ऐसे में पीछे वाले को नागवार गुजरा और बकझक के साथ मारपीट तक की नौबत आ गयी थी. इसके बावजूद कहीं कोई पुलिस वाले नहीं दिखे. जाम की स्थिति पूरी तरह से जब बेकाबू हो गयी, तो जीरोमाइल थाने की पुलिस किसी तरह से पैदल पुल के छोर तक पहुंची और धीरे-धीरे वाहनों को निकालने का प्रयास किया गया आैर वाहनों का पुल पर दबाव कम हुआ और जाम से लोगों को निजात मिली. कहीं खराब ट्रक, तो कहीं बेतरतीब वाहनों से लगा रहा जामअंदरूनी शहर में कहीं खराब ट्रक, तो कहीं बेतरतीब तरीके से वाहनों के कारण जाम लगा रहा. भीखनुपर गुमटी नंबर-3 पर रविवार रात को बीच सड़क पर ट्रक का गुल्ला टूट जाने के कारण दक्षिणी शहर को जोड़नेवाली सड़क पर दिन में जाम की स्थिति रही. इस ट्रक के कारण कचहरी चौक से लेकर घंटा घर चौक तक एक समान जाम रहा. मोटरसाइकिल और कार गलियों से गुजर कर जब चौक-चौरहे पर पहुंच रहे थे, तो भी उन्हें जाम का सामना करना पड़ रहा था. भीखनपुर गुमटी नंबर-3 पर जब जाम बेकाबू हो गया, तो चार पुलिस के जवान पहुंचे और यातायात व्यवस्था को संभाला. पुलिस के जवानों ने छोटी वाहनों के लिए रूट डायवर्ट कर दिया. इसके बावजूद जाम की स्थिति बनी रही. आदमपुर चौक पर पुलिस वाले नहीं दिखे, जिससे लोगों को अधिकांश समय जाम का सामना करना पड़ा. जाम के दौरान लोगों का घंटों सड़कों पर ही बीता. निर्णय और हकीकत निर्णय : विक्रमशिला पुल के लिए क्रेन की व्यवस्था होगी, ताकि जाम के दौरान फंसे वाहनों को निकाला जा सके.हकीकत : निर्णय लिये दो साल हो गये हैं और अबतक क्रेन की व्यवस्था नहीं हो सकी है. क्रेन की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी पुल निर्माण निगम को मिली थी, जिसने अपना हाथ खड़ा कर दिया.निर्णय : विक्रमशिला पुल पर पुलिस बलों की रहेगी तैनाती हकीकत : जाम जब बेकाबू हो जाता है, तो जीरोमाइल पुलिस जाम हटाने पहुुंचती है. निर्णय : विक्रमिशला सेतु एप्रोच पथ के किनारे ट्रक चालकों के लिए लगेगी धारा 144हकीकत : एप्रोच पथ के किनारे लाइन में लगे रहते हैं ट्रक, आज तक धारा 144 नहीं लगी. निर्णय : शहर के अंदर नो इंट्री के दौरान भारी वाहनों पर लगी रहेगी रोक हकीकत : पिछले दो दिनों से नो इंट्री के दौरान बेझिझक ट्रकों की हो रही आवाजाही विक्रमशिला सेतु और अंदरूनी शहर में जाम के प्रमुख कारण -सड़कों की चौड़ाई मानक से कम रहना-गड्ढों में तब्दील सड़क -अतिक्रमण -वाहनों का पहले से ज्यादा दबाव-अगले 50 साल में बढ़ने वाले वाहनों के दबाव को ध्यान में रख कर विक्रमशिला सेतु को फोरलेन का पुल नहीं बनाना -18 वर्ष से कम आयु वाले को ऑटो, रिक्शा, स्कूटी आदि वाहनों को चलाने पर प्रतिबंध लगाना जाम से निजात के उपाय -मानक के अनुसार सड़कों का चौड़ीकरण किया जाये.-अतिक्रमित सड़क और इसके फुटपाथ को खाली कराया जाये.-चौक-चौराहों पर प्रशिक्षित ट्रैफिक पुलिस बलों की तैनाती हो.-चौक-चौराहों पर लंबी वाहनों के घुमाव के लिए पर्याप्त जगह बनायी जाये. -सड़क पर कतारबद्ध नहीं चलने वाले चालकों पर कार्रवाई की जाये. -सड़क पर वाहन खड़ा करने वाले चालकों पर कार्रवाई हो.-पार्किंग की व्यवस्था की जाये.-सड़क पर डिवाइडर का निर्माण हो.

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