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वकील पर फायरिंग मामले में इंस्पेक्टर पर प्राथमिकी दर्ज

वकील पर फायरिंग मामले में इंस्पेक्टर पर प्राथमिकी दर्ज वकील राजीव कुमार सिंह पर शुक्रवार की रात फायरिंग की गयी जमीन से जुड़े मामले में हमला करने की बात वकील ने कही कोतवाली के पूर्व इंस्पेक्टर कन्हैया लाल पर हमला कराने का लगाया आरोप जिससे जमीन खरीदी राजीव ने उसका नाम भी प्राथमिकी में दर्ज […]

वकील पर फायरिंग मामले में इंस्पेक्टर पर प्राथमिकी दर्ज वकील राजीव कुमार सिंह पर शुक्रवार की रात फायरिंग की गयी जमीन से जुड़े मामले में हमला करने की बात वकील ने कही कोतवाली के पूर्व इंस्पेक्टर कन्हैया लाल पर हमला कराने का लगाया आरोप जिससे जमीन खरीदी राजीव ने उसका नाम भी प्राथमिकी में दर्ज कराया वरीय संवाददाता,भागलपुर तिलकामांझी थाना क्षेत्र के अधिवक्ता राजीव कुमार सिंह पर शुक्रवार की रात हुई फायरिंग के बाद शनिवार को अधिवक्ता ने तिलकामांझी थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है. प्राथमिकी में कोतवाली में पहले रह चुके इंस्पेक्टर कन्हैया लाल और राजीव कुमार सिंह को जमीन बेचने वाले सुरेंद्र कुमार सोनू को नामजद किया है. दो अज्ञात पर भी प्राथमिकी में दर्ज करायी है. राजीव कुमार सिंह ने लिखा है कि दोनों अज्ञात फायरिंग के बाद भागते हुए यह कहते जा रहे थे कि सुरेंद्र साेनू और कन्हैया लाल से पंगा लेता है. जिंदा नहीं छोड़ेंगे. दोनों की उम्र 22 से 25 साल बतायी जा रही है. फायरिंग का कनेक्शन जमीन विवाद व फर्जी केस से है जुड़ा अधिवक्ता पर फायरिंग का मामला उस जमीन से जुड़ा हुआ है, जो राजीव ने हबीबपुर थाना क्षेत्र के सुरेंद्र कुमार सोनू से खरीदी थी. जमीन के खरीदार को कोतवाली इंस्पेक्टर और एसआइ ने फर्जी केस में फंसाया था. जमीन के मालिक भूमाफियाओं ने जमीन को बेचने के तीन साल बाद जमीन खरीदारों से और पैसे मांगना शुरू कर दिया. पैसे देने से मना करने पर सभी खरीदारों की जमीन की बाउंड्री को तोड़ दिया. उसके बाद सुरेंद्र कुमार सोनू ने नयी बाउंड्री देकर जमीन को अपने कब्जे में ले लिया. इसकी सूचना हबीबपुर थाना में दी गयी, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. भूमाफिया ने रंजीत पर कोतवाली थाना क्षेत्र में मारपीट व छिनतई का केस 412/2014 कर दिया. केस करने के कुछ दिनों बाद रंजीत को आदमपुर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. कोतवाली थाना के तत्कालीन इंस्पेक्टर कन्हैया लाल ने उस केस का आइओ एसआइ दयाशंकर राय को बनाया. इस फर्जी केस की शिकायत एसएसपी और डीआइजी से की. कोतवाली इंस्पेक्टर और आइओ ने एसएसपी को भी गलत रिपोर्ट भेज दी. उसके बाद एएसपी फगोरूद्दीन से जांच करायी गयी. एएसपी ने जांच में केस को फर्जी पाया और एसआइ दयाशंकर के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए एसएसपी को लिखा. एसएसपी विवेक कुमार ने दयाशंकर राय को बर्खास्त करने के लिए डीआइजी को लिखा. दयाशंकर राय को बर्खास्त कर दिया गया. फर्जी केस में निर्दोष को फंसाने के मामले में तत्कालीन कोतवाली इंस्पेक्टर कन्हैया लाल की भूमिका की भी जांच हो रही है.

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