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जाड़े के कपड़ों से सज गया बाजार

जाड़े के कपड़ों से सज गया बाजार -शहर में 125 से अधिक है उलेन कपड़ों के थोक व्यवसायी-लुधियाना, कश्मीर, पानीपत, अमृतसर, जालंधर, मेरठ से आ रहे हैं उलेन कपड़े-पूर्णिया, कटिहार, सहरसा, जमुई, मुंगेर, बांका, राजमहल, साहेबगंज, गोड्डा, दुमका आदि जिलों में होती है सप्लाईसंवाददाता, भागलपुर भागलपुर शहर के बाजार उलेन कपड़ों से सज चुका है. […]

जाड़े के कपड़ों से सज गया बाजार -शहर में 125 से अधिक है उलेन कपड़ों के थोक व्यवसायी-लुधियाना, कश्मीर, पानीपत, अमृतसर, जालंधर, मेरठ से आ रहे हैं उलेन कपड़े-पूर्णिया, कटिहार, सहरसा, जमुई, मुंगेर, बांका, राजमहल, साहेबगंज, गोड्डा, दुमका आदि जिलों में होती है सप्लाईसंवाददाता, भागलपुर भागलपुर शहर के बाजार उलेन कपड़ों से सज चुका है. ग्राहक भी उलेन कपड़े खरीदने के लिए पहुंचने लगे हैं. भागलपुर से रोजाना डेढ़ करोड़ से अधिक का उलेन कपड़ों का कारोबार होता है. पूर्णिया, कटिहार, सहरसा, जमुई, मुंगेर, बांका, खगड़िया के साथ-साथ समीपवर्ती प्रांत के जिलों साहेबगंज, गोड्डा, दुमका, साहेबगंज, राजमहल आदि स्थानों पर भी उलेन कपड़ों की सप्लाई होती है. पूरे सीजन में इस बार एक अरब से अधिक उलेन कपड़े का कारोबार की संभावना है, जबकि पिछले साल से इस बार 30 फीसदी तक कम कारोबार होने की संभावना है. इसका कारण व्यवसायी ठंड में कमी बताते हैं. थोक कपड़ा व्यवसायी गिरधारी केजरीवाल ने बताया कि शहर में 125 से अधिक थोक उलेन कपड़ों की दुकानें हैं. इसके अलावा शहर में 400 से अधिक खुदरा दुकानें हैं, जो 2000 से लेकर 40 हजार रुपये तक रोजाना उलेन कपड़े का कारोबार करते हैं. थोक कपड़े के व्यवसायी रोजाना एक लाख रुपये से अधिक का कारोबार करते हैं. पिछले बार इस समय में ठंड अधिक होने के कारण सवा से डेढ़ लाख रुपये का रोजाना कारोबार करते थे. एक ठंड के सीजन में एक कारोबारी कम से कम एक करोड़ रुपये का लक्ष्य जरूर रखता है. उलेन कपड़े के दूसरे कारोबारी मो शमशाद बताते हैं कि पिछले बार इस समय में 40 से 50 हजार रुपये का कारोबार हो जाता था, इस बार भी कम ठंड है, जिससे कारोबार ठीक नहीं हो पा रहा है. भा रहा है चिंगूर बाजार में जयपुरी रजाई, फैंसी कंबल, कार्डिगन, चिंगूर, इनर आदि बिक रहे है. उलेन कारोबारी ने बताया कि चिंगूर रजाई व कंबल जैसी चीज है, जो हल्की होती है और अधिक गरमी देता है. यह 550 से 1000 तक उपलब्ध है. बाजार में डेढ़ किलो की अच्छी रजाई आयी है, जो 1800 से 2200 तक उपलब्ध है. हिमाचल की दुकान कर रही आकर्षित 32 वर्षों से हिमाचल प्रदेश के दो-तीन परिवार भागलपुर ठंड के समय में उलेन कपड़ों का कारोबार करने आ रहे हैं. उनलोगों का कहना है कि पंजाब से उलेन कपड़े मंगवा कर यहां पर बेचते हैं. यहां के लोगों का काफी प्यार मिलता है, जिसके कारण यहां पर उनका कारोबार अच्छा हो जाता है. रोजाना 10 से 12 हजार रुपये का कारोबार हो जाता है. कम ग्राहकी रहने पर भी 6000 रुपये तक का कारोबार हो जाता है. उनके यहां पर शोरूम व बड़े दुकानों से उसी तरह के कपड़े आधे दाम में मिलते हैं. इसलिए लोग यहां पर अधिक से अधिक खरीदारी करते हैं.

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