भागलपुर/मुजफ्फरपुर: पांच मासूम बच्चों की जान बचाने के चक्कर में रेलवे का गैंगमैन अपने जिंदगी की जंग हार गया. मृत कर्मचारी छिंगुरी मंडल भागलपुर जिले का रहने वाला था. घटना मिठनपुरा गुमटी नंबर 100 की है. इस घटना से चार घंटे तक ट्रेनों का परिचालन बाधित रहा. घटना की सूचना देने के काफी देर बाद रेल पुलिस मौके पर पहुंची. इस घटना से आक्रोशित रेलकर्मियों व स्थानीय लोगों घटनास्थल पर शव के साथ चार घंटे तक रेल का परिचालन ठप कर दिया है.
मिठनपुरा के गुमटी नंबर सौ पर पुराने ट्रैक को हटाकर नये ट्रैक के लिए पैनल गिराया जा रहा था. विभाग के जेई देवेंद्र सिंह व पंकज कुमार के निर्देशन में गैंगमैन सहित अन्य कई लोग वहां कार्यरत थे. दोपहर करीब पौने दो बजे टाटा-छपरा अप एक्सप्रेस ट्रेन के आने की सूचना हुई. इस सूचना के बाद गेटमैन ने गुमटी को गिरा दी. ट्रेन के आने के ठीक पहले पर्व को लेकर मार्केटिंग के लिए अपने बच्चों के साथ निकला एक परिवार बंद गुमटी से ही रेलवे क्राॅसिंग पार करने लगा.
चार-पांच बच्चे थे. परिवार के बड़े लड़के व महिलाएं मिठनपुरा की ओर पार कर गये थे. गुमटी पर भीड़ रहने के कारण दो-तीन बच्चे पीछे रह गये थे. बच्चों ने जब रेलवे क्रासिंग पार करनी चाही तो ऐन वक्त पर ट्रेन काफी नजदीक आ गयी. छिंगुरी ने खतरे को भांप लिया और अपनी जान जोखिम में डालकर बच्चों को बचाने के लिए आगे आ गया. दो बच्चों को तो वह उनके परिजनों के पास पहुंचा दिया था, लेकिन पांच वर्ष का एक बच्चा सतपुरा की ओर ही खड़ा था. छिंगुरी इस बच्चे को ट्रेन पास करने के बाद उसके परिजनों के पास पहुंचाना चाहता था. लेकिन बच्चे ने अपनी मां को देखा और उस ओर दौड़ लगा दी. मानवता से लबरेज छिंगुरी ने फिर एक बार अपनी जान हथेली पर ले ली. ट्रैक पर पहुंचे बच्चे को गोद में उठा उसके परिजन के पास उसपार फेंक तो दिया, लेकिन ट्रेन के पायदान के झटके ने वह काफी दूर फेंका गया. कुछ देर के बाद घायल छिंगुरी का दम टूट गया. फिर भी बच्चों की सलामती देखने के लिए उसकी आंखें खुली ही थीं. जिनके बच्चों की जान छिंगुरी ने सही-सलामत बचायी थी, उसका भी शुक्रिया लेने का वक्त उसके पास नहीं था.
ट्रेन के गुजरने के बाद मृत छिंगुरी ो देख कई लोगों की आंखें भर आयीं.
जानकारी के मुताबिक साथी कर्मी के ट्रेन की चपेट में आने से हुई मौत की खबर आसपास में काम कर रहे ट्रैकमैन व गैंगमैन को मिली. इसके बाद साथी कर्मचारी घटनास्थल पर पहुंच गये और हंगामा शुरू कर दिया. घटना के बाद करीब दो घंटे तक शव को रेलवे ट्रैक से हटा विरोध प्रदर्शन करने लगे. काफी देर तक मांगें पूरी नहीं होने पर करीब तीन बजे पुन: शव को रेलवे ट्रैक पर रख दिया.
आक्रोशित कर्मचारी परिजनों को मुआवजा, आश्रितों को नौकरी की मांग के साथ-साथ मौके पर डीआरएम को बुलाने पर अड़े थे. आरपीएफ व रेलवे के अधिकारियों ने काफी मान-मनौव्वल की कोशिश की, लेकिन वे लोग नहीं माने. इसके बाद शाम पांच बजे मंडल अभियंता प्रमुख सतीश चंद्र त्रिवेदी व कर्मचारी यूनियन के नेता एसची त्रिवेदी पहुंचे. दोनों पदाधिकारियों ने कर्मचारियों को शांत कराते हुए उचित मुआवजा दिलाने का भरोसा दिलाया. इसके बाद शव को ट्रैक से हटा पोस्टमार्टम के लिए एसकेएमसीएच भेजा गया. इस दौरान वैशाली सुपरफास्ट, मिथिला एक्प्रेस, बिहार संपर्क क्रांति समेत कई एक्सप्रेस व सवारी गाड़ियां विभिन्न स्टेशनों पर रुकी रहीं.