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मनरेगा: बन कर रह गया मन रे गा…जून से हड़ताल पर गये पंचायत रोजगार सेवक की नहीं हुई प्रतिनियुक्ति पंचायत रोजगार सेवक के नहीं होने से पुरानी योजना का भुगतान भी लंबित तीन माह से मनरेगा के काम भी अंचलों में ठप वरीय संवाददाता, भागलपुरजिले में मनरेगा इन तीन माह के दौरान मन रे गा […]

मनरेगा: बन कर रह गया मन रे गा…जून से हड़ताल पर गये पंचायत रोजगार सेवक की नहीं हुई प्रतिनियुक्ति पंचायत रोजगार सेवक के नहीं होने से पुरानी योजना का भुगतान भी लंबित तीन माह से मनरेगा के काम भी अंचलों में ठप वरीय संवाददाता, भागलपुरजिले में मनरेगा इन तीन माह के दौरान मन रे गा जैसा हो गया है. इस योजना में पंचायत स्तर पर चल रहे तमाम विकास कार्य ठप हैं. जून से हड़ताल पर गये पंचायत रोजगार सेवक (पीआरएस) की प्रतिनियुक्ति नहीं हो पायी है. वहीं नये प्रभार के तौर पर कार्य कर रहे पीआरएस पूरी तरह योजना को गति देने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं. इन प्रभारी पीआरएस से पुरानी योजना के लंबित भुगतान निबटारे का ही काम लिया जा रहा है. अंचलों में मनरेगा के काम ठप होने की स्थिति में सबसे बुरी स्थिति उन मजदूरों की है, जो इस पर अपनी रोजी-रोटी चलाते हैं. इन मजदूर परिवार के पास अब यहां से पलायन के अलावा कोई चारा नजर नहीं आ रहा है. यह है मजदूर परिवार का दर्द सबौर में रहनेवाले दीनू अपनी पत्नी व दो बच्चों के साथ पिछले तीन माह से काम की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं. पहले दीनू व उसकी पत्नी मनरेगा के तहत काम करते थे, जिससे इनकी रोजी-रोटी चलती थी. मगर मनरेगा योजना में पहले फंड के अभाव की बात कहकर कोई काम नहीं दिया गया और अब पीआरएस के नहीं होने की बात कहते हुए उन्हें थोड़ा और इंतजार करने के लिए कहा जा रहा है. दीनू ने बताया कि मेरी तरह कई मजदूरों की स्थिति है और वह अब दिल्ली जाने की सोच रहा है. ठंड के समय घर निर्माण का काम भी उतना नहीं होता है, तो दैनिक आय के लिए उन्हें बाहर जाना ही पड़ेगा. दीनू के साथ रामविलास ने बताया कि वह इन तीन माह में रिक्शा चलाकर पेट पाल रहा है. पीआरएस व सरकार के बीच तकरार – जून में पीआरएस अपनी मांग को लेकर हड़ताल पर चल गये.- पीआरएस के हंड़ताल पर रहने से जिले के 114 पीआरएस को नौकरी से बरखास्त कर दिया. – पीआरएस अपनी बरखास्तगी को लेकर पटना हाइकोर्ट चले गये. – पटना हाइकोर्ट ने बरखास्त पीआरएस को फिर से प्रतिनियुक्त करने के आदेश दिये. – सरकार के सचिव स्तर से पीआरएस की प्रतिनियुक्ति को लेकर विभागीय मार्गदर्शन जारी नहीं किया गया. – मार्गदर्शन के अभाव में पुराने पीआरएस प्रतिनियुक्त नहीं हो रहे हैं और नये पीआरएस की बहाली अवरुद्ध है. – जिले के 242 पंचायत में से कई पीआरएस प्रभार के तौर पर लंबित भुगतान का ही निबटारा कर रहे हैं. पीआरएस के कारण प्रभावित काम – चलनेवाली योजना का क्रियान्वयन- ग्राम सभा की बैठक में प्रस्तावित कार्य को तकनीकी सपोर्ट देना. – मार्ग दर्शिका के आधार पर कार्यों को करवाना. – काम के आधार पर मजदूरों के भुगतान की प्रक्रिया. – विभागीय ऑडिट में योजना व पैसों के हिसाब-किताब मिलान में मदद करना. मनरेगा के तहत वर्ष 2015-16 में चयनित काम वर्ग कामों की संख्या ग्रामीण पेयजल 8बाढ़ नियंत्रण 176लघु सिंचाई 1168भूमि विकास 838ग्रामीण जनसंपर्क 5197ग्रामीण स्वच्छता 12879जल संरक्षण 1273कोट=बरखास्त पीआरएस को रखने के लिए सचिव स्तर से कोई पत्र नहीं आया है. पत्र के आने के बाद इन्हें रखा जायेगा. फिलहाल पीआरएस की कमी से मनरेगा के काम प्रभावित हो रहा है, मगर प्रभार के तौर पीआरएस से अधिक से अधिक काम लिया जा रहा है. अमित कुमार, उप विकास आयुक्त, भागलपुर.

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