भागलपुर: विसजर्न घाट पर सुबह से ही दुकान लगनी शुरू हो गयी थी. मेला के लिए दोपहर तक दुकान सज कर तैयार हो गया था. डीवीसी कॉलोनी, तिलकामांझी की पहली प्रतिमा (लाइन से बाहर) के विसजिर्त होने के साथ ही भीड़ बढ़ने लगी.
परबत्ती की बुढ़िया काली की प्रतिमा जैसे ही विसजर्न के लिए घाट पर पहुंची, वैसे ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. इसके बाद से श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती चली गयी. श्रद्धालु देर रात तक मां काली की विदाई और अंतिम दर्शन को लेकर डटे रहे. श्रद्धालु अंतिम प्रतिमा को विसजिर्त कर ही लौटे. घाट पर चाट-पकौड़ा, गुब्बारे, आइसक्रीम, नाश्ता, छोला, गोलगप्पा आदि की दुकानें लगी थी. घाट पर प्रशासनिक पदाधिकारियों की ओर से मुकम्मल व्यवस्था थी.
रैप जवान तैनात थे. प्रशासन की ओर से कैंप भी लगाया गया था. जहां से लोगों को हर तरह की सूचना मिल रही थी. विसजर्न घाट पर प्रशासनिक कैंप से बच्चों के माता-पिता को एहतियात बरतने के लिए प्रचार-प्रसार किया जा रहा था कि अबोध बच्चों के पॉकेट में नाम-पता का परचा जरूर रखे. ताकि भीड़ में खोने के के बाद बच्चों की पहचान हो सके. प्रचार-प्रसार का काम मार्केटिंग ऑफिसर कमल जायसवाल कर रहे थे.