सुल्तानगंज: मां, तुम कहती थी ना कि मैं नालायक हूं, इसलिए तुम्हें छोड़ कर जा रहा हूं. हो सके तो मुझे माफ कर देना. पापा आप भी मुझे माफ कर दीजियेगा. मेरी मां मुझसे परेशान थी, इसलिए मैंने मौत को गले लगाने का निर्णय लिया है.
मामा जी, आप भी मुझे माफ कर दीजियेगा. अगले जन्म में मैं एक अच्छा आदमी बनने की कोशिश करूंगा. पूजा मैं जा रहा हूं. तुम्हारा भाई अब किसी को तंग नहीं करेगा. मैं अपनी मौत के लिए खुद जिम्मेदार हूं. 20 वर्षीय अमित आनंद ने फांसी के फंदे पर झूलने से पूर्व उक्त बातें सुसाइट नोट में लिखी थी.
उसने सोमवार को सुल्तानगंज थाना परिसर स्थित सरकारी आवास में खुदकुशी कर ली. अमित उर्फ मिंटू बेगूसराय का रहने वाला था, पर वह अपने मामा के पास सुल्तानगंज में रह कर पढ़ाई कर रहा था. उसके मामा विनोद कुमार झा सुल्तानगंज के प्रभारी थानाध्यक्ष हैं. वारदात के वक्त वे ट्रेनिंग के लिए गया गये हुए थे. अमित घर में अकेला था.
अमित ने क्यों की आत्महत्या
सवाल उठने लगा है कि अमित को आखिर क्या परेशानी थी, जो उसने इतना बड़ा कदम उठा लिया. सुसाइट नोट में उसने जो कुछ भी लिखा था, उससे साफ प्रतीत होता है कि घरवालों की उपेक्षित नजरें उसे खटक रही थी. अभिभावक अपने बच्चों से कई बड़ी अपेक्षाएं रखते हैं.
पर जब किसी भी वजह से वह उसपर खरा नहीं उतर पाता है तो परिवार के लोग उसे दूसरी नजर से देखने लगते हैं. इससे बच्चे हीन भावना से ग्रसित हो जाते हैं और गलत कदम उठा लेते हैं. अमित का वाकया भी उसी ओर इशारा कर रहा है. हालांकि पूरी स्थिति तो जांच रिपोर्ट आने के बाद भी स्पष्ट हो पायेगी.