28.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

इनके आंगन में बरसेगी खुशियां, रीते रहेंगे मन

इनके आंगन में बरसेगी खुशियां, रीते रहेंगे मन-रामानंदी देवी हिंदू अनाथालय में मासूमों संग मनेगी घर जैसी दीवालीसंवाददाता, भागलपुरमां के आंचल और पिता की गोद से महरूम इन अनाथों की जिंदगी में अबकी बार दीपोत्सव में खुशी-आनंद का डेरा होगा. मिठाई और पकवान भी इनके कौर बनेंगे, लेकिन नहीं होगा तो मां का लाड़ और […]

इनके आंगन में बरसेगी खुशियां, रीते रहेंगे मन-रामानंदी देवी हिंदू अनाथालय में मासूमों संग मनेगी घर जैसी दीवालीसंवाददाता, भागलपुरमां के आंचल और पिता की गोद से महरूम इन अनाथों की जिंदगी में अबकी बार दीपोत्सव में खुशी-आनंद का डेरा होगा. मिठाई और पकवान भी इनके कौर बनेंगे, लेकिन नहीं होगा तो मां का लाड़ और पिता की छांव. जिसके तले हर बच्चा बेखौफ और बेपरवाह होकर जिंदगी के हर रंग से रूबरू होता है. इनकी आंखाें में दीपोत्सव की रंग तो दिखेगी, लेकिन माता-पिता के के साथ दीपावली मना रहे अन्य बच्चों को देख इनके मन को भी माता-पिता का न होना कचोटेगा. यूं कह लें कि इस दीपावली में इनके आंगन में खुशियों का डेरा होगा, लेकिन इनके मन रोज की तरह रीते (सूने) रहेंगे.रामानंदी देवी हिंदू अनाथालय, नाथनगर में करीब दो दर्जन के करीब साल भर से लेकर आठ साल तक के मासूम बच्चे रह रहे हैं. ये मासूम किन्ही कारणवश अपने मां-पिता से बिछड़ कर यहां अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं. यहां पर रहने वाले करीब आठ वर्षीय नीतीश से पूछा कि मां-बाप की याद आती हैं, तो वह कुछ नहीं बोल सका. लेकिन उसकी सूनी व झुकी आंखे बयां कर रही थी कि उसे माता-पिता के साथ रहने की चाहत है. यहीं की मासूम आरती एवं रानी से पूछा गया कि वह बड़ी होकर क्या बनेगी] तो उसने कहा कि वह बड़ी होकर अपने माता-पिता को ढूंढेगी और उन्हीं के संग रहेगी. इसके बाद यह कहने की जरूरत नहीं रही कि उन्हें तमाम खुशियां ताे मिल रही है, लेकिन इन्हें खुशियाें से पहले मां-बाप का लाड-प्यार चाहिये. दोनों मासूम का यह जबाब हमारे तथाकथित विकसित समाज के समक्ष यह सवाल खड़ा करता है कि अगर ये अपने मां-बाप से दूर हुए, तो इसमें इनका क्या कसूर. क्या इस देश के सिस्टम और समाज की संवेदनशीलता इन्हें इनके बिछुड़े माता-पिता तक पहुंचा पायेगी और नहीं पहुंच पा रहे हैं तो क्यूं. सजेगा अनाथालय, मनेगी घर जैसी दीपावलीरामानंदी देवी हिंदू अनाथालय के सचिव दिनेश यादव कहते हैं कि इस दीपावली में यहां रह रहे मासूम भी वैसे ही दीपावली मनायेंगे जैसे कि समाज के अन्य बच्चे मनाते हैं. मासूमों के लिए अनाथालय में लजीज पकवान बनेंगे, तो पूरा अनाथालय दीपों की रोशनी से नहायेगा. मासूम बच्चे रंगोली सजायेंगे, तो बच्चियां आपस में एक दूसरे काे मेहंदी रचायेगी. बच्चों द्वारा लघु नाटक का प्रस्तुतीकरण किया जायेगा. बच्चों को इस बार पटाखा न फोड़ने के लिए जागरूक करते हुए उन्हें महापुरुषों की तरह बनने के लिए प्रेरित किया जायेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें