भागलपुर: भागलपुर की सड़कों पर 19 जुलाई 2012 को नामांकन के लिए विद्यार्थियों ने जिस तरह से आंदोलन किया था, छात्रों का वह रूप इस बार भी दिख सकता है. ने की प्रबल संभावना है. पिछली साल की तुलना में इस बार पार्ट वन में नामांकन करानेवाले छात्र-छात्रों की संख्या 10 फीसदी अधिक होगी. दूसरी ओर नामांकन के लिए सीट की बढ़ोतरी नहीं की गयी है.
राज्य सरकार व विश्वविद्यालय प्रशासन के स्तर से सीट बढ़ोतरी को लेकर पहल नहीं होने से आंदोलन का डर अभी से कॉलेज प्रशासन व शिक्षकों को सता रहा है. वह इसलिए भी कि इसी माह में इंटर का रिजल्ट आने की संभावना है. इसके बाद पार्ट वन में नामांकन के लिए आवेदन की तिथि घोषित भी हो जायेगी.
इंटरमीडिएट में कॉमर्स में नामांकन के लिए 512 सीटें निर्धारित हैं. दूसरी ओर उसी कॉलेज में बीकॉम पार्ट वन में महज 130 सीट निर्धारित है. यह स्थिति किसी एक कॉलेज की नहीं है, बल्कि सभी कॉलेजों में सीटों की संख्या इतनी ही है. ऐसे में आइकॉम में उत्तीर्ण करनेवाले 512 छात्रों में प्रत्येक कॉलेज के 382 छात्र-छात्रएं कहां जायेंगे. यही सवाल पिछले वर्ष एसएम कॉलेज की छात्रओं ने प्रमुखता से उठाया था. छात्रएं सड़कों पर उतर आयी थीं.
छात्र संगठन व अन्य छात्र भी उनके समर्थन में आगे आये थे. तालाबंदी, हंगामा, तोड़फोड़ और अधिकारियों के साथ र्दुव्यवहार तक हुआ. स्थिति इस कदर भड़की थी कि छात्र-छात्राओं पर पुलिस को लाठियां बरसानी पड़ी. एसएम कॉलेज की छात्राओं के आंदोलन के बाद तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय प्रशासन ने 130 से बढ़ा कर 400 सीट कर दिया था. प्राचार्य डॉ निशा राय ने बताया कि केवल एक सत्र के लिए सीटें बढ़ायी गयी थी. इस बार भी समस्या खड़ी होगी. उन्होंने बताया कि आवेदन की संख्या अधिक होगी, तो विवि से सीट बढ़ाने के लिए अनुरोध किया जायेगा.