भागलपुर. इसलाम बुराई का बदला बुराई से लेने की इजाजत नहीं देता. कुरआन का फरमान है कि बुराई का बदला भलाई से लो. अफवाह न फैलाओ और न उस पर कान दो. ये बातें शुक्रवार को जब्बारचक जामा मसजिद में मौलाना बुलंद अखतर ने कही.
ज्ञात हो कि हाल में कुछ असामाजिक तत्वों के कारण दो समाज के बीच शांति भंग होने की स्थिति बन गयी थी, जिसे बुद्धिजीवियों ने मिलकर स्थिति को नियंत्रित करने में सफलता पायी थी. मौलाना अख्तर ने हजरत मोहम्मद साहब की शिक्षा व दीक्षा से अनेक उदाहरण पेश किये. उन्होंने कहा कि हजरत मोहम्मद साहब ने कभी भी गैर मुसलिमों के साथ गलत आचरण नहीं किया और न ही गलत आचरण का जवाब गलत आचरण से देने की बात कही है.
संयम, क्षमा और उदारता ही इसलाम की तालीम है. हर हालात में सांप्रदायिक सद्भाव की रक्षा करना इसलाम का अपरिहार्य वसूल है. हम सभी देशवासी आपस में भाई-भाई हैं. मिलजुल कर शैतानी ताकतों का मुकाबला करना खुदा की इबादत के बराबर है. यह जानकारी तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर बांग्ला विभाग के शिक्षक प्रो मोहसिन अली ने दी.