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कारोबार करोड़ों का, चलने का रास्ता नहीं
भागलपुर: मुख्य बाजार अंतर्गत हड़िया पट्टी, फड़िया पट्टी, कलाली गली, सूता पट्टी में करोड़ों के कारोबार के बावजूद अतिक्रमण से यहां की सड़कें संकरी हो गयी है. यहां पर ग्राहकों को खरीदारी करने में परेशानी होती है. महिलाएं इस ओर खरीदारी करना छोड़ दी हैं, इसे लेकर यहां के स्थानीय दुकानदारों में आक्रोश है. कपड़े […]
भागलपुर: मुख्य बाजार अंतर्गत हड़िया पट्टी, फड़िया पट्टी, कलाली गली, सूता पट्टी में करोड़ों के कारोबार के बावजूद अतिक्रमण से यहां की सड़कें संकरी हो गयी है. यहां पर ग्राहकों को खरीदारी करने में परेशानी होती है. महिलाएं इस ओर खरीदारी करना छोड़ दी हैं, इसे लेकर यहां के स्थानीय दुकानदारों में आक्रोश है.
कपड़े से लेकर हर प्रकार के खाने-पीने की चीजें उपलब्ध
सूता पट्टी व कलाली गली में जहां कपड़े का कारोबार फैला है, वहीं हड़िया पट्टी में किराना, पूजन सामग्री का. फड़िया पट्टी में गल्ला का बड़ा कारोबार फैला है. यहां मछली, गुड़, चीनी, मुढ़ी, चूड़ा भुजा, चना भुजा, मसाला आदि का भी कारोबार फैला है. इन चीजों का रोजाना पांच से छह करोड़ का कारोबार होता है. यहां इन चीजों की 500 से अधिक दुकानें हैं.
दुकानें कम, अतिक्रमण ज्यादा
यहां के 30 से 40 फीसदी ऐसे दुकानदार हैं, जिनकी दुकानें छोटी, लेकिन अतिक्रमण दुकान से अधिक है. यदि किसी ग्राहक के गुजरने से कुछ गिर जाये, तो विवाद की स्थिति बन जाती है. इससे ग्राहकों की संख्या घटती जा रही है. यहां के कारोबारियों के लिए यह चिंता का विषय बनता जा रहा है कि वह अपना कारोबार कैसे करें.
स्थानीय पार्षद गोपाल चौधरी के अनुसार कलाली गली व सूता पट्टी में अतिक्रमण से नाले की सफाई नहीं हो सकती है. बरसात में प्राय: जल जमाव की स्थिति बनती है. निरंतर निगरानी की जरूरत दो वर्ष पहले इन क्षेत्रों में अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया गया था, तो स्थिति कुछ हद तक सुधर गयी थी. अब फिर से यहां पर अतिक्रमण बढ़ गया है. ग्राहकों का कहना है कि निरंतर निगरानी की जरूरत है, तभी अतिक्रमण से मुक्त कराया जा सकेगा.
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