भागलपुर: पथ निर्माण मंत्री ललन सिंह ने पीएम की रैली पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि वर्ष 1977 में इंदिरा गांधी के शासनकाल में चुनाव हो रहा था. तब श्रीमती गांधी की रैली में जुटनेवाली भीड़ रिकार्ड स्तर की होती थी. मगर अफसोस उस चुनाव में कांग्रेस की करारी हार हुई थी.
ठीक यही हाल एनडीए का भी होगा. बेशक प्रधानमंत्री की रैली में एनडीए विशाल भीड़ जुटा लें, उनकी बिहार विधानसभा चुनाव में हार तय है. वह बुधवार को परिसदन में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जगह-जगह दिये भाषण के बाद उनकी विश्वसनीयता खोती जा रही है. लोकसभा चुनाव से पहले श्री मोदी के किये गये एक भी वायदे पूरे नहीं हुए हैं. ऐसे में विधानसभा चुनाव में उनके भाषणों का कोई मतलब नहीं रह जाता है. उन्होंने कहा कि आरा की रैली में पीएम ने जिस तरह से जनता के सामने सवा सौ करोड़ की राशि देने से पहले 50 लाख दे दूं, 60 लाख दे दूं आदि का जुमला प्रयोग में किया, उससे यह लगा मानो पीएम जनता को भीख दे रहे हैं.
पीएम अपने विभिन्न रैली में पद की गरिमा को भूल रहे हैं. बिहार को दी जा रही राशि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोई व्यक्तिगत खजाना नहीं है. यह जनता का पैसा है. उन्होंने कहा कि विश्वसनीयता खत्म होने के बाद ऐसे व्यक्ति पर लोग भरोसा भी नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने विगत दिनों जितनी भी योजनाओं की घोषणा की, वह सभी पुरानी योजनाएं हैं. इसे नया रूप देकर जनता को धोखा दिया जा रहा है.