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थानेदार संतोष व संजय कोर्ट में पेश

मीनू मियां मामला : सीजेएम की अदालत में चली सुनवाई, मामला सत्र न्यायालय में विचारण में भेजा – इंस्पेक्टर कुमोद कुमार के बदले कोर्ट में पेश हुए अधिवक्ता – इंस्पेक्टर के पेश नहीं होने पर कोर्ट ने अधिवक्ता को कारण सहित जवाब देने के लिये कहा – सत्र न्यायालय के निर्देश पर अपर सत्र न्यायाधीश […]

मीनू मियां मामला : सीजेएम की अदालत में चली सुनवाई, मामला सत्र न्यायालय में विचारण में भेजा
– इंस्पेक्टर कुमोद कुमार के बदले कोर्ट में पेश हुए अधिवक्ता
– इंस्पेक्टर के पेश नहीं होने पर कोर्ट ने अधिवक्ता को कारण सहित जवाब देने के लिये कहा
– सत्र न्यायालय के निर्देश पर अपर सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में चलेगा मामला
भागलपुर : प्रॉपर्टी डीलर मोहम्मद रुश्तम उर्फ मीनू मियां को पुलिस पूछताछ के दौरान टॉर्चर किये जाने के मामले में गुरुवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी त्रिभुवन यादव की अदालत में सुनवाई हुई.
इसमें थानेदार संतोष शर्मा, संजय विश्वास व मिस्टर मियां पेश हुए. जबकि इंस्पेक्टर कुमोद कुमार के बदले उनके अधिवक्ता आये. इस पर सीजेएम कोर्ट ने अधिवक्ता को कहा कि इंस्पेक्टर कुमोद कुमार के कोर्ट में हाजिरी नहीं होने का कारण सहित जवाब दाखिल करें.
इसके साथ ही सीजेएम ने मामले को सत्र न्यायालय में विचारण के लिये भेज दिया. अब दो थानेदार सहित इंस्पेक्टर की सुनवाई सत्र न्यायालय द्वारा दिये जानेवाले अपर सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में होगी. इस मौके पर मोहम्मद रुश्तम की तरफ से अधिवक्ता अभय कांत झा, मार्टिन लाल व राजीव ईश्वर थे.
वहीं संतोष शर्मा व मिस्टर मियां की तरफ से वीरेश मिश्र, संजय विश्वास की तरफ से संजय झा व इंस्पेक्टर कुमोद कुमार की तरफ से आशुतोष राय ने बहस में भाग लिया.
21 जुलाई को सीजेएम ने दो थानेदार संतोष शर्मा व संजय विश्वास एवं इंस्पेक्टर कुमोद कुमार को जेल भेजा था. उस समय इंस्पेक्टर कुमोद कुमार कैमूर में थे. वहीं संजय विश्वास जमुई व संतोष शर्मा आदमपुर थाना(भागलपुर) में पदस्थापित थे.
सशर्त जमानत पर छूटे : जिला सत्र न्यायाधीश की अदालत में दोनों थानेदार संतोष शर्मा व संजय विश्वास व इंस्पेक्टर कुमोद कुमार सशर्त जमानत पर रिहा हुए हैं. इसमें सत्र न्यायाधीश ने निर्देश दिया था कि वे मामले के विचारण के दौरान पूरा सहयोग करेंगे और प्रत्येक विचारण में खुद कोर्ट में पेश होंगे.
फल व्यवसायी विश्वनाथ गुप्ता की हत्या 2 मई 2012 को हुई थी. इस मामले में खिलाफत नगर(शाहजंगी) : के प्रॉपर्टी डीलर मोहम्मद रुश्तम उर्फ मीनू मिया को मिस्टर मियां ने धोखे से 7 सितंबर 2012 को कोतवाली थाना बुलाया. वहां पर तत्कालीन कोतवाली इंस्पेक्टर कुमोद कुमार ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
इसके बाद पुलिस हिरासत में उससे विश्वनाथ गुप्ता की हत्या के मामले में कड़ाई से पूछताछ करने लगे. इस दौरान पूछताछ के क्रम में तत्कालीन इंस्पेक्टर कुमोद कुमार, तत्कालीन तातारपुर थानाध्यक्ष संजय विश्वास व तत्कालीन आदमपुर थानाध्यक्ष संतोष कुमार ने अमानवीय व्यवहार किया. बताया जाता है कि पूछताछ में मीनू मिया के गुप्तांग में पेट्रोल भी डाला था. इसके बाद मीनू मियां से पूछताछ कर सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया. वहां पर मीनू मियां ने अपने शरीर के जख्म को दिखाते हुए कोर्ट से मेडिकल करवाये जाने की मांग की थी. जिसके बाद कोर्ट ने मीनू मियां को जेल में तैनात चिकित्सक से मेडिकल करवाने का निर्देश दिया.
जेल में हुए चिकित्सीय परीक्षण में मीनू मियां के शौच द्वार सहित कई जगहों पर जख्म की रिपोर्ट दी गयी. जिसके बाद कोर्ट में मीनू मियां के परिजनों ने मामले में सीजेएम कोर्ट में शिकायत वाद दायर करने की अर्जी लगायी. इसके बाद कोर्ट में शिकायत वाद 2524/2012 दायर हुआ.
शिकायत वाद में तत्कालीन कोतवाली इंस्पेक्टर कुमोद कुमार, तातारपुर थानाध्यक्ष संजय विश्वास व आदमपुर थानाध्यक्ष संतोष शर्मा व मिस्टर मियां पर पुलिस पूछताछ में थर्ड डिग्री टार्चर किये जाने का आरोप लगाया. सीजेएम ने मो रुश्तम उर्फ मीनू मियां के चिकित्सीय परीक्षण रिपोर्ट आने के बाद शिकायत वाद पर संज्ञान लिया और सुनवाई शुरू कर दी.

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