लोहे के बैरियर को हटाने की भी बात कही गयी थी. मगर इस बारे में कोई कदम नहीं उठाया गया. ग्रामीणों के अनुसार भारी वाहन की आवाजाही रोकने के लिये बैरियर लगाया गया है. दूसरी तरफ बैरियर के पास कोई स्ट्रीट लाइट भी नहीं है, ताकि कोई बैरियर को देखकर अपना बचाव कर सके. उधर, सागर व सन्नी की मौत के बाद अस्पताल के प्रवेश द्वार पर माहौल गमगीन हो गया था.
वंशीटीकर रोड का बैरियर बना काल
भागलपुर: वंशीटीकर रोड का बैरियर दो दोस्त सागर व सन्नी के लिये काल बन गया. दोनों ही दोस्त मैजिक के अंदर जगह नहीं होने के कारण उसकी छत पर सवार हो गये. मगर अंधेरे में दोनों छत पर बैठे बैरियर को भांप नहीं पाये. गोपालपुर के रोहित ने बताया कि बंसी टीकर रोड पर शाम […]
भागलपुर: वंशीटीकर रोड का बैरियर दो दोस्त सागर व सन्नी के लिये काल बन गया. दोनों ही दोस्त मैजिक के अंदर जगह नहीं होने के कारण उसकी छत पर सवार हो गये. मगर अंधेरे में दोनों छत पर बैठे बैरियर को भांप नहीं पाये.
गोपालपुर के रोहित ने बताया कि बंसी टीकर रोड पर शाम ढलते ही अंधेरा हो जाता है. इससे सड़क पर कुछ नहीं दिखाई देता है. इससे पहले लोहे के बैरियर की ऊंचाई को लेकर ग्रामीण एतराज जता चुके हैं.
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