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थानेदार संतोष व संजय की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

भागलपुर: प्रॉपर्टी डीलर मोहम्मद रुस्तम उर्फ मीनू मियां को पुलिस पूछताछ के दौरान टॉर्चर किये जाने के मामले में पटना हाइकोर्ट ने थानेदार संजय विश्वास व संतोष शर्मा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है. हाइकोर्ट जज आइए अंसारी ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि दोनों थानेदार पहले निचली अदालत में पेश हों […]

भागलपुर: प्रॉपर्टी डीलर मोहम्मद रुस्तम उर्फ मीनू मियां को पुलिस पूछताछ के दौरान टॉर्चर किये जाने के मामले में पटना हाइकोर्ट ने थानेदार संजय विश्वास व संतोष शर्मा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है. हाइकोर्ट जज आइए अंसारी ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि दोनों थानेदार पहले निचली अदालत में पेश हों और वहां पर ही नियमित जमानत याचिका की गुहार लगाएं. फिलहाल मामले के आरोपी थानेदार संजय विश्वास तातारपुर थाना के प्रभारी हैं और संतोष शर्मा आदमपुर थाना प्रभारी के तौर पर कार्यरत हैं. इससे पहले मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने इसी मामले में कोतवाली थाना के तत्कालीन इंस्पेक्टर कुमोद कुमार को इश्तेहारी करार दे दिया है.

यह था मामला. सात सितंबर 2012 को फल व्यवसायी विश्वनाथ गुप्ता हत्याकांड में प्रॉपर्टी डीलर खिलाफतनगर के मो रुश्तम उर्फ मीनू मियां को तत्कालीन कोतवाली इंस्पेक्टर कुमोद कुमार ने गिरफ्तार किया था. इसके बाद मीनू मियां से पूछताछ कर सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया. वहां पर मीनू मियां ने अपने शरीर के जख्म को दिखाते हुए मेडिकल करवाने की मांग की थी. इस पर कोर्ट ने जेल में तैनात चिकित्सक से मीनू मियां का मेडिकल करवाने का निर्देश दिया. जेल में हुए चिकित्सीय परीक्षण में मीनू मियां के शौच द्वार सहित कई जगहों पर जख्म की रिपोर्ट दी गयी.

इसके बाद कोर्ट में परिजनों ने मामले में कोर्ट में शिकायत वाद 2524/2012 दायर कराया. इसमें मीनू मियां ने आरोप लगाया कि तत्कालीन कोतवाली इंस्पेक्टर ने उससे दो लाख रुपये की मांग की थी. मीनू मियां ने 50 हजार रुपये दे दिये और कुछ दिनों बाद डेढ़ लाख रुपये की शेष राशि देने का वायदा किया. मगर उसके बाद वह शेष राशि दे नहीं पाया. इसके बाद पुलिस उसे जबरन थाना ले आयी. शिकायत वाद में तत्कालीन कोतवाली इंस्पेक्टर कुमोद कुमार, तातारपुर थाना प्रभारी संजय विश्वास व आदमपुर थाना प्रभारी संतोष शर्मा व मिस्टर मियां पर पुलिस पूछताछ में थर्ड डिग्री टार्चर किये जाने का आरोप लगाया. सीजेएम ने मो रुश्तम उर्फ मीनू मियां के चिकित्सीय परीक्षण रिपोर्ट के आधार पर शिकायत वाद पर संज्ञान लिया और सुनवाई शुरू कर दी.

14 फरवरी 2014 को जारी किया गैर जमानती वारंट. शिकायत वाद संख्या 2524/2012 पर कोर्ट ने आरोपियों संजय विश्वास व संतोष शर्मा के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया. इसके बाद आरोपियों ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के सामने 18 मार्च 2013 को वाद पर रोक लगाने की याचिका लगायी. मगर 22 मार्च को कोर्ट ने रोक लगाने की अपील ठुकरा दी. इसके बाद उन्होंने सत्र न्यायाधीश की अदालत में पांच अप्रैल 2013 को पुनर्विचार की गुहार लगायी. इस पर सात फरवरी 2014 को पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी. इसके बाद कोर्ट ने दोनों आरोपियों के खिलाफ 14 फरवरी 2014 को गैर जमानती वारंट जारी कर दिया.

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