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प्रकृति संतुलन के लिए वन जरूरी : डॉ आर्य

कहलगांव. शंकर साह विक्रमशिला महाविद्यालय कहलगांव की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई की ओर से रविवार को वनोत्सव दिवस पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का विषय ‘वन जीवन रक्षा के लिए आवश्यक है’ था. कार्यशाला का उद्घाटन एसएसवी कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य सह सभापति डॉ राघवेंद्र नारायण आर्य व अन्य शिक्षकों ने […]

कहलगांव. शंकर साह विक्रमशिला महाविद्यालय कहलगांव की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई की ओर से रविवार को वनोत्सव दिवस पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का विषय ‘वन जीवन रक्षा के लिए आवश्यक है’ था. कार्यशाला का उद्घाटन एसएसवी कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य सह सभापति डॉ राघवेंद्र नारायण आर्य व अन्य शिक्षकों ने संयुक्त रूप में दीप जला कर किया. प्रभारी प्राचार्य राघवेंद्र नारायण आर्य ने कहा वन प्रकृति संतुलन बनाये रखता है. जीवन के लिए वन अति आवश्यक है. थाइलैंड में विश्व संस्कृत दिवस पर व्याख्यान देने गये डॉ आर्य ने वहां के पर्यावरण से तुलनात्मक ब्योरा प्रस्तुत किया. डॉ देवेंद्र सिंह ने कहा वन आर्थिक विकास में लाभदायक है. वन औषधि के रूप में हमें स्वस्थ रखने में मदद करता है. डॉ जयंत कुमार सिंह ने कहा हरा घर, हरा परिवार, हरा परिसर और मिट्टी का कटाव रोकने में वन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. छात्रा गंुजा कुमारी और प्रीति कुमारी ने भी विचार रखे. मंच संचालन एनएसएस के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ उमेश कुमार ने किया. एनएसएस की छात्राओं के कुलगीत व गुरु वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत हुई. स्वागत भाषण डॉ उमेश कुमार ने दिया.

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