मरीज के पेट की आंत का पूरा मांश सड़ गया था. बहुत बड़ा ऑपरेशन किया गया. उसके शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी है. बार-बार उनके परिजनों को खून उपलब्ध कराने को कहा गया, लेकिन मरीज अब तक एक बार ब्लड चढ़ाया गया है. ब्लड अगर उसे निरंतर चढ़ता रहता तो डेढ़ माह में मरीज की स्थिति में सुधार हो जाता. ऐसे ऑपरेशन में अधिकांशत: मरीजों की मौत भी हो जाती है, अब तक मरीज जिंदा है, इसका मतलब है कि ऑपरेशन सक्सेसफुल है. मरीज के परिजन न तो ब्लड उपलब्ध करा रहे हैं न ही मरीज को अन्यत्र ले जा रहे हैं. मरीज के परिजन उनकी मौत का इंतजार कर रहे हैं, ताकि मुआवजा पा सकें. किडनी निकालने की बात सरासर गलत है.डॉ मो आरिफ
कहते हैं क्लिीनिक संचालक
मरीज के पेट की आंत का पूरा मांश सड़ गया था. बहुत बड़ा ऑपरेशन किया गया. उसके शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी है. बार-बार उनके परिजनों को खून उपलब्ध कराने को कहा गया, लेकिन मरीज अब तक एक बार ब्लड चढ़ाया गया है. ब्लड अगर उसे निरंतर चढ़ता रहता तो डेढ़ माह में मरीज की […]
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