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मामला फर्जी डिग्री के रैकेट के खुलासे का : टीएमबीयू से ही पीएचडी कर रहा है सरगना बप्पी
भागलपुर : फर्जी डिग्री का सरगना एसके बप्पी तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय से पीएचडी कोर्स कर रहा है. इसी वर्ष उसने प्री-पीएचडी की परीक्षा उत्तीर्ण की है और इसके बाद पीएचडी कोर्स में नामांकन कराया है. शुक्रवार को विवि प्रशासन ने एसके बप्पी के सारे कागजात जुटाये और विवि थाना पुलिस को उसके बंगाल के मालदा […]
भागलपुर : फर्जी डिग्री का सरगना एसके बप्पी तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय से पीएचडी कोर्स कर रहा है. इसी वर्ष उसने प्री-पीएचडी की परीक्षा उत्तीर्ण की है और इसके बाद पीएचडी कोर्स में नामांकन कराया है. शुक्रवार को विवि प्रशासन ने एसके बप्पी के सारे कागजात जुटाये और विवि थाना पुलिस को उसके बंगाल के मालदा जिला स्थित घर पता उपलब्ध कराया. पुलिस ने बप्पी की खोज शुरू कर दी है.
दोनों छात्रों ने दिया था लिखित बयान : 17 जून को रैकेट से अंक पत्र खरीदने के बाद टीएमबीयू में अंक पत्र की सत्यता की जांच कराने पहुंचे छात्रों को अंक पत्र फर्जी पाये जाने पर पकड़ लिया गया था. दोनों ने स्वीकारा था कि एसके बप्पी नामक छात्र से बीए इंगलिश ऑनर्स का अंक पत्र खरीदा था. इस बात का उन दोनों छात्रों ने लिखित बयान दिया था. विवि के प्रोक्टर डॉ विलक्षण रविदास के लिखित बयान पर विवि थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी. इसके बाद पुलिस ने दोनों छात्रों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. पकड़े गये छात्रों में रिजवानुल हक एमएम कॉलेज व नुरुज्जान मारवाड़ी कॉलेज का छात्र था. रिजवानुल बंगाल के मालदा के दौलतपुर के इदरिश अली का बेटा और नुरुज्जान मालदा के वैष्णव थाना क्षेत्र के कुम्भेरा गांव के मुजम्मल का बेटा है.
बप्पी की गिरफ्तारी का इंतजार
अब विश्वविद्यालय प्रशासन इस बात का इंतजार कर रहा है कि पुलिस बप्पी को अपने गिरफ्त में लेगी, तो इस बात का खुलासा हो पायेगा कि अंक पत्र कहां छपाया गया था. दरअसल विश्वविद्यालय में अंक पत्र छपाई का काम निजी एजेंसी बाइट सॉफी के हवाले था. एजेंसी ने पकड़े गये फर्जी अंक पत्र छापने से इनकार कर दिया है. लेकिन अंक पत्र देखने से प्रथम दृष्टया विवि में छपा हुआ लगता है. यह उम्मीद की जा रही है कि पुलिस इस नतीजे पर पहुंच जायेगी कि अंक पत्र कहां छपे थे.
स्थगित कर दिया गया था महादेव सिंह कॉलेज का केंद्र
भागलपुर : दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की डिग्री मामले में शुक्रवार को जांच समिति के सदस्यों को महादेव सिंह कॉलेज में पता चला कि विश्वनाथ सिंह विधि संस्थान का परीक्षा केंद्र महादेव सिंह कॉलेज में बनाया गया था. लेकिन आठ दिन के बाद ही इसे बदल कर होम सेंटर कर दिया गया था.
समिति के सदस्य यह पता करने में जुटे हैं कि ऐसी कौन सी परिस्थिति हो गयी कि सेंटर अपने ही जिले (मुंगेर) में बनाया गया.
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