– पीएचसी से जिला अस्पताल में रेफर करने की थी योजना वरीय संवाददाता,भागलपुर जिला के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कैंसर के मरीजों की पहचान करने की योजना पर काम नहीं हो रहा है. प्रखंड के अस्पतालों में मौजूद चिकित्सक ऐसे मरीजों की पहचान नहीं करते हैं, नतीजतन ऐसे मरीजों को कैंसर का पता तब चलता है जब वह लास्ट स्टेज में पहुंच जाते हैं और मरीज की मौत हो जाती है. प्रखंड के अस्पतालों में मरीजों के लक्षण के आधार पर कैंसर की जानकारी जिला मुख्यालय देने का निर्देश विभाग ने दिया था, लेकिन यहां मरीजों को देखते ही परचे पर दवा लिख दिया जाता है. मरीजों के नब्ज तक की जांच चिकित्सक नहीं करते हैं. मरीज एक शब्द बोलता नहीं कि परचे पर दवा लिख दिया जाता है. ऐसे में मरीज अपनी पूरी परेशानी चिकित्सक को नहीं बता पाते हैं. महावीर कैंसर संस्थान पटना के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ जितेंद्र सिंह ने भागलपुर आने पर कहा था कि गंगा इलाके के लोगों में कैंसर की शिकायत अधिक मिल रही है. आर्सेनिक युक्त पानी पीने व जलवायु परिवर्तन की वजह से भी कैंसर होने की संभावना पर उन्होंने बल दिया था. हालांकि अभी तक इस इलाके में कैंसर होने के कोई ठोस कारण सामने नहीं आ सके हैं. इस संबंध में सीएस डॉ शोभा सिन्हा का कहना है कि वैसे भी सभी पीएचसी के चिकित्सकों को निर्देश दिया गया है कि जो भी गंभीर मरीज हों, उन्हें मेडिकल कॉलेज रेफर करें. जिला मुख्यालय की टीम से जांच कराने की जरूरत हो तो वहां भी मरीज को रेफर करें.
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पीएचसी में नहीं हो रही कैंसर मरीजों की पहचान
– पीएचसी से जिला अस्पताल में रेफर करने की थी योजना वरीय संवाददाता,भागलपुर जिला के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कैंसर के मरीजों की पहचान करने की योजना पर काम नहीं हो रहा है. प्रखंड के अस्पतालों में मौजूद चिकित्सक ऐसे मरीजों की पहचान नहीं करते हैं, नतीजतन ऐसे मरीजों को कैंसर का पता तब […]
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