1993 में भारत में मानवाधिकार आयोग का गठन किया गया. बिहार में 2009 में मानवाधिकार आयोग बना. उन्होंने कहा कि आंख फोड़वा कांड, भागलपुर दंगा, मेरठ दंगा, कश्मीर में पंडितों की हत्या जैसे मामले में मानवाधिकार उल्लंघन से जुड़े हुए हैं. पुलिस को जांच का अधिकार है, किसी को सजा देने या मारने-पीटने का नहीं अधिकार नहीं.
पुलिसकर्मियों को अपने व्यवहार में परिवर्तन लाना होगा. सीआरपीसी की धारा का हमेशा पालन करना होगा. कार्यशाला में राज्य भर के हर जिलों से करीब 100 पुलिस अफसरों (जमादार से लेकर इंस्पेक्टर तक) ने हिस्सा लिया. कार्यशाला को वरीय अधिवक्ता राम कुमार मिश्र, सीटीएस प्राचार्य फरोगुद्दीन, उप प्राचार्य कुमार इंद्र प्रकाश, डॉ विजय कुमार आदि ने भी संबोधित किया.