मामला टीएमबीयू में फर्जी नियुक्ति काभागलपुर. तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में पूर्व कुलपति डॉ रामाश्रय प्रसाद यादव के कार्यकाल में कर्मचारियों की बहाली की गयी थी. इस मामले में छह आवेदकों ने हाइकोर्ट को जो नियुक्ति संबंधित अधिसूचना सौंपी थी, उसमें कुलसचिव का स्कैन किया हुआ हस्ताक्षर था. वर्तमान कुलसचिव डॉ गुलाम मुस्तफा ने इसकी पुष्टि की है. डॉ मुस्तफा ने बताया कि पूर्व कुलपति डॉ रामाश्रय प्रसाद यादव के कार्यकाल में टाइपराइटर से टाइप की हुई अधिसूचना जारी होती थी. जबकि छह कर्मचारियों ने हाइकोर्ट को जो अधिसूचना पत्र समर्पित किया था. वह कंप्यूटराइज प्रिंट है. इन दोनों मामलों के खुलासे होने पर यह साबित हुआ कि छह कर्मचारियों की नियुक्ति फर्जी है. क्या है मामलाफर्जी बहाली का मामला वर्ष 1997 का है. कुल छह कर्मी अवैध तरीके से विश्वविद्यालय कार्यालय व अन्य विभागों में सफाईकर्मी के रूप में नौकरी कर रहे थे. इस संबंध में विवि प्रशासन ने फर्जी कर्मियों पर एफआइआर के लिए विश्वविद्यालय थाना को आवेदन दिया है. आंतरिक जांच में फर्जी पाये जाने के बाद शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के आदेश पर इन पर शिकंजा कसा गया है.
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हस्ताक्षर का स्कैन कर नौकरी मिलने का किया था दावा
मामला टीएमबीयू में फर्जी नियुक्ति काभागलपुर. तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में पूर्व कुलपति डॉ रामाश्रय प्रसाद यादव के कार्यकाल में कर्मचारियों की बहाली की गयी थी. इस मामले में छह आवेदकों ने हाइकोर्ट को जो नियुक्ति संबंधित अधिसूचना सौंपी थी, उसमें कुलसचिव का स्कैन किया हुआ हस्ताक्षर था. वर्तमान कुलसचिव डॉ गुलाम मुस्तफा ने इसकी पुष्टि […]
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