लेकिन जब अरुण झा को बुला कर पूछताछ की गयी तो उसका हुलिया सीसीटीवी फुटेज के संदिग्ध से नहीं मिला. एक अन्य अपराधी शिवम कुमार अंकित के बारे में भी पुलिस पूरी तरह से आश्वस्त नहीं है कि फुटेज में कैद संदिग्ध शिवम ही है. यानी 16 माह की जांच के बाद पुलिस संदेह के बीच ही झूल रही है. जांच में अब तक हत्या का कारण भी स्पष्ट नहीं हो पाया है. पुलिस ने टावर डंप कर कुछ संदिग्ध मोबाइल नंबरों को चिह्न्ति किया था. उसमें एक नंबर देवघर के हनुमान टिकरी निवासी का है. लेकिन ये नंबर भी हत्यारों की तलाश में पुलिस की मदद नहीं कर सके.
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जय किशन हत्याकांड :16 माह की जांच में मात्र ‘दो’ पर संदेह
भागलपुर: छह आइपीएस, तीन इंस्पेक्टर 16 माह के बाद भी जय किशन शर्मा हत्याकांड की गुत्थी को नहीं सुलझा पाये. 16 माह की जांच के बाद सिटी एएसपी वीणा कुमारी ने अपनी जांच में मात्र दो अपराधियों पर संदेह जाहिर किया है. इनमें कुरसेला का शातिर अपराधी अरुण झा और सहरसा का चर्चित अपराधी शिवम […]
भागलपुर: छह आइपीएस, तीन इंस्पेक्टर 16 माह के बाद भी जय किशन शर्मा हत्याकांड की गुत्थी को नहीं सुलझा पाये. 16 माह की जांच के बाद सिटी एएसपी वीणा कुमारी ने अपनी जांच में मात्र दो अपराधियों पर संदेह जाहिर किया है. इनमें कुरसेला का शातिर अपराधी अरुण झा और सहरसा का चर्चित अपराधी शिवम कुमार अंकित शामिल है. सीसीटीवी फुटेज में कैद संदिग्ध से अरुण झा और शिवम कुमार का चाल-ढाल, हुलिया मिलता-जुलता था.
मुख्यमंत्री तक से लगा चुके हैं गुहार
जय किशन शर्मा की पत्नी कुसुम शर्मा अपने पति के हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार लगा चुकी है. सीएमएमस स्कूल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आगमन के दौरान कुसुम शर्मा ने खुद उन्हें आवेदन सौंपा था. इस पर जोनल आइजी बीएस मीणा ने एसएसपी विवेक कुमार को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाने का निर्देश दिया था. आइजी के आदेश के दूसरे दिन ही एसएसपी ने सिटी एएसपी वीणा कुमारी, केस के आइओ कोतवाली इंस्पेक्टर आरपी वर्मा को बुला कर कई बिंदुओं पर मंत्रणा की थी और जांच में अनछुए बिंदुओं पर कार्रवाई का निर्देश दिया था. लेकिन अब तक नतीजा सिफर ही कहा जा सकता है. जांच रिपोर्ट के मुताबिक, शिवम कुमार अंकित का टिंकू मियां से सांठ-गांठ है. एक बार शिवम की अपाची हबीबपुर थाने में भी पकड़ी गयी थी.
27 जनवरी को हुई थी हत्या
27 जनवरी 2014 को अपराधियों ने जय किशन शर्मा को उनके ही घर के पास गोली मार कर हत्या कर दी थी. शर्मा जी पेट्रोल पंप से लौट रहे थे, तभी अपराधियों ने घर के पास ही उन पर हमला कर दिया था. जेएलएनएमसीएच में इलाज के दौरान जय किशन ने दम तोड़ दिया था. पुलिस अब तक घटना का कारण नहीं खोज पायी है, गिरफ्तारी तो दूर की बात है.
सीसीटीवी फुटेज है बड़ा सबूत
इस हत्याकांड में सीसीटीवी कैमरे का फुटेज पुलिस के लिए बड़ा सबूत है. घटनास्थल के पास एक घर में सीसीटीवी कैमरा लगा है. इसमें कुल सात संदिग्धों की गतिविधि कैद हुई थी. चार संदिग्ध रेकी करते नजर आ रहे हैं, जबकि तीन संदिग्ध वारदात को अंजाम देकर बाइक से भाग निकले थे. सात में एक संदिग्ध का चेहरा बिल्कुल स्पष्ट है. जबकि बाकियों की पहचान के लिए पुलिस को थोड़ी मशक्कत करनी होगी. फोन करने वाला एक संदिग्ध की गतिविधि पीछे से कैद हुई है.
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