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डेढ़ लाख वाहन बढ़े, पर सड़कें डेढ़ इंच भी नहीं बढ़ीं

भागलपुर: भागलपुर में 15 साल में डेढ़ लाख से अधिक वाहन बढ़े पर शहर की सड़कें एक इंच भी नहीं बढ़ी. कुछ सड़कों की आधी-अधूरी मरम्मती हुई, लेकिन विस्तार नहीं किया गया. इसके कारण शहर में जाम आम हो गया है. जाम को खत्म करने को लेकर कई योजनाएं बनीं, लेकिन वह कारगर साबित नहीं […]

भागलपुर: भागलपुर में 15 साल में डेढ़ लाख से अधिक वाहन बढ़े पर शहर की सड़कें एक इंच भी नहीं बढ़ी. कुछ सड़कों की आधी-अधूरी मरम्मती हुई, लेकिन विस्तार नहीं किया गया. इसके कारण शहर में जाम आम हो गया है. जाम को खत्म करने को लेकर कई योजनाएं बनीं, लेकिन वह कारगर साबित नहीं हो पायी.

कुछ योजनाएं प्रयोग के तौर भी अपनायी गयी जो विफल रही, तो कुछ कागज तक ही सिमट कर रह गयी. शहर में वाहनों के दबाव को कम करने के लिए बाइपास सड़क बनाने की घोषणा हुई. यह भी पाइप लाइन में ही है. इस सड़क के बनने से वैसे वाहनों से शहर को जरूर निजात मिलेगी, जो भागलपुर के रास्ते दूसरे शहरों के लिए गुजरते हैं, लेकिन इससे शहर की आंतरिक यातायात समस्या का हल नहीं होने वाला है.

नगर निगम की जिन प्रमुख सड़कों पर वाहनों का दबाव ज्यादा होता है, उन पर पंद्रह सालों में एक पैसा खर्च नहीं किया गया. दूसरी ओर भागलपुर में 15 साल में करीब 1.60 लाख छोटे-बड़े वाहन बढ़े हैं. औसतन बारह-तेरह सौ वाहन प्रतिमाह बढ़ रहे हैं. शहर में दूसरे जिलों से भी वाहनों की आवाजाही में भी इजाफा हुआ है. दूसरी ओर अतिक्रमण से सड़कों की चौड़ाई कम हुई है. नगर निगम की खुद 366 सड़कें अतिक्रमण की शिकार हैं. मेयर दीपक भुवानियां कहते हैं, हम अतिक्रमण नहीं हटा सकते. सड़क बढ़ा भी नहीं सकते, क्योंकि हमारे पास जमीन नहीं है, संसाधन भी नहीं है.

15 साल में एक बार भी निगम की पुरानी सड़कों की मरम्मत नहीं
भागलपुर शहर में एक भी फेस लिफ्टिंग सड़क नहीं है. निगम ने तो प्रमुख सड़कों पर पंद्रह सालों में कोई खर्च किया ही नहीं है. इसने 2009-10 से अब तक उसने केवल गली-मुहल्लों की 44 योजनाएं बनायीं और उन पर 6.48 करोड़ रुपये खर्च किये. इस्टर्न बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष शैलेंद्र सर्राफ कहते हैं, पिछले दो-ढ़ाई दशक में शहर की हालत नारकीय हो गयी है, लेकिन सिटी को लेकर कोई प्लानिंग नहीं हो रही.

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