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जनता व सरकार बराबर जिम्मेदार

भागलपुर: प्रभात खबर ने फेसबुक के माध्यम से अपने पाठकों से पूछा था कि जिले में सड़कों की स्थिति दयनीय है. इस कारण कई बार दुर्घटनाएं भी होती हैं. इन सड़कों पर लाखों खर्च भी हुए, पर हुआ कुछ नहीं. क्या है इसका निदान, कौन है दोषी? प्रभात खबर के इस सवाल पर कई पाठकों […]

भागलपुर: प्रभात खबर ने फेसबुक के माध्यम से अपने पाठकों से पूछा था कि जिले में सड़कों की स्थिति दयनीय है. इस कारण कई बार दुर्घटनाएं भी होती हैं. इन सड़कों पर लाखों खर्च भी हुए, पर हुआ कुछ नहीं. क्या है इसका निदान, कौन है दोषी? प्रभात खबर के इस सवाल पर कई पाठकों ने प्रतिक्रिया दी है. रुपेश कुमार सिंह लिखते हैं कि भागलपुर में सड़कों के गड्ढे तभी भरे जाते हैं जब मुख्यमंत्री यहां आते हैं.

श्याम सुंदर सिंह कहते हैं कि इसका निदान तभी संभव है जब जनता आगे आये और समस्या को समङो. दीपक झा लिखते हैं कि इसके लिए जनता और विभाग दोनों दोषी है. प्रशांत सिंह की राय थोड़ी भिन्न है. वे कहते हैं कि बेचारा ठेकेदार क्या करे. ऊपर से नीचे तक कमीशन देने और अपना लाभ रखने के पास उसके पास इतने पैसे ही नहीं बचते कि अच्छी सड़क बनवा सके. राहुल कश्यप कहते हैं गुणवत्ता की कमी के कारण सड़क जल्दी खराब होती है. इसका मुख्य कारण भ्रष्टाचार है. नेता, अफसर सभी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. इसके निदान के लिए जनता को कुंभकर्णी निद्रा से जगना होगा. यही राय मानवेंद्र सिंह और मनीष टिबरेवाल भी रखते हैं. लेकिन नीलकमल और प्रीतम मिश्र सड़क की बदहाली के लिए जनता को दोषी मानते हैं.

चंदन शर्मा कहते हैं कि शहरवासियों को चाहिए कि शहर को तब तक बंद रखा जाये जब तक कि सभी सड़कें नहीं बन जाये. मुकेश शर्मा कहते हैं कि सड़क निर्माण के समय जनता निगरानी नहीं करती और सड़क टूटने पर हो-हल्ला करती है. मेंही प्रसाद यादव लिखते हैं कि दोषी शत प्रतिशत सरकार है. राजेश राणा लिखते हैं कि दोषी राज्य सरकार और इंजीनियर है. वसीम रजा लिखते हैं कि दोषी जनता भी है जो जागरूक नहीं है. गुलजार अकेला कहते हैं हमारी सरकार पैसे खर्च नहीं करना चाहती. गुरुदास बनर्जी लिखते हैं कि सड़क की बदहाली के लिए सरकार और स्थानीय प्रशासन जिम्मेदार है. ओंकार झा लिखते हैं कि सड़क की बदहाली के लिए जनता जिम्मेवार है. जिस समय घटिया सामग्री से सड़क निर्माण होता है तो हम विरोध नहीं करते हैं.

इसके अलावा पंकज कुमार, मिथुन कुमार, अभिनव वर्मा, प्रिंस कुमार, अमित कुमार, कुमार गौरव वाजपेयी, चांद झुनझुनवाला, विनय कुमार, नटवर कुमार, कुंदन देव सिंह, रामानंद चौधरी, अरुण कुमार झा, मुकेश चौधरी, अभिषेक भगत, अखिलेश कुमार, प्रीतम सिंह, राकेश झा, अनुज कुमार, मृत्युंजय आदि ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी.

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