प्रतिनिधिसबौर: भूकंप के दौरान जान माल की अधिकतर क्षति मकान ढहने से होती है. यदि मकान का स्ट्रक्चर बनाते समय ही भूकंप रोधी बातों पर ध्यान रखा जाये, तो भूकंप से जान माल की क्षति रोका जा सकता है. इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य डॉ अचिंत्य ने बताया कि भागलपुर भूकंप जोन-4 में आता है. यहां यदि लोग मकान बनाने वक्त भूकंपरोधी उपायों पर ध्यान देंगे, तो भूकंप का प्रभाव कम हो सकता है. उन्होंने बताया कि इधर कई दिनों से आ रहे भूकंप के कारण उसी मकान की क्षति हुई है, जो पहले से क्षतिग्रस्त हैं. आम तौर लोग मकान बनाते समय मकान के गुरुत्व भार ध्यान तो देते हैं, लेकिन मकान के पार्श्व बल पर ध्यान नहीं देते हैं. यदि पार्श्व बल का ध्यान रखा जाये, तो भूकंप के दौरान मकान को कम क्षति हो सकती है. प्राय: देखा जाता है कि लोग बीम में 20 एमएम का छड़ देते है और कॉलम में 10 एमएम छड़ देते हैं, इसलिए बीम से मजबूत पिलर होना चाहिए. दूसरा बीम में बांधे जाने वाला रिंग के दोनों छोर बीम के अंदर होने चाहिए. अधिकतर लोग इसे बाहर निकाल कर छोड़ देते हे, जिससे लोड अंदर की ओर नहीं रहता है.
मकान बनाने में पार्श्व बल का रखें ध्यान
प्रतिनिधिसबौर: भूकंप के दौरान जान माल की अधिकतर क्षति मकान ढहने से होती है. यदि मकान का स्ट्रक्चर बनाते समय ही भूकंप रोधी बातों पर ध्यान रखा जाये, तो भूकंप से जान माल की क्षति रोका जा सकता है. इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य डॉ अचिंत्य ने बताया कि भागलपुर भूकंप जोन-4 में आता है. यहां […]
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