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ग्लोबल वार्मिग : प्रकृति का विज्ञान समझना जरूरी

भागलपुर : शहर की चिल्ल-पों भरी दुनिया से 20-22 किलोमीटर दूर गांव के 80 वर्षीय किसान मन्नू राय दशकों से बदल रहे जलवायु परिवर्तन को बेहतर समझने का दावा करते हैं. प्रकृति की रहनुमाई व मौसम की मार को वह भलीभांति समझते हैं. जिले के नाथनगर के रन्नूचक दियारा में करीब 64 साल से खेती […]

भागलपुर : शहर की चिल्ल-पों भरी दुनिया से 20-22 किलोमीटर दूर गांव के 80 वर्षीय किसान मन्नू राय दशकों से बदल रहे जलवायु परिवर्तन को बेहतर समझने का दावा करते हैं. प्रकृति की रहनुमाई व मौसम की मार को वह भलीभांति समझते हैं. जिले के नाथनगर के रन्नूचक दियारा में करीब 64 साल से खेती करते आ रहे हैं.
बढ़ते-घटते तापमान व बारिश के मिलीमीटर की मात्र उनकी समझ से परे हो, लेकिन भारत में ग्लोबल वार्मिंग को लेकर चर्चा के लिए वह अपने अनुभव को काफी बताते हैं. उनके अनुभव आंकड़ों से प्राप्त जानकारी पर भारी पड़ते हैं.
पर्यावरण कर्मियों की नजर में मन्नू राय जैसे ही हजारों किसान आंकड़ों के विपरीत जलवायु परिवर्तन को समझने में महारत प्राप्त होते हैं, क्योंकि उन्होंने एक ही मिट्टी में दशकों से बदलते जलवायु को महसूस किया है. संभवत: सदी में यह पहला मौका होगा, जबकि महज आठ से 10 महीनों के अंदर मौसम के मिजाज में इतना ज्यादा बदलाव देखने को मिल रहा है. हाल में हुई बारिश का किसानों पर कहर बन कर बरसना वैश्विक मुद्दा बन चुका है. मौसम का पूर्वानुमान भी सही साबित नहीं हो रहा है. शहर के परिप्रेक्ष्य में पिछले 10 वर्ष के आंकड़ों पर गौर करें तो हमारे बदलते लाइफस्टाइल की तरह अब मौसम का भी कोई निश्चित शेड्यूल नहीं रह गया है. वर्ष 2013 की ठंड में तापमान तीन डिग्री से नीचे पहुंच गया था.
दूसरी ओर गरमी में भी पारा फिफ्टी पर पहुंचने पर रहता है.विमर्श को व्यवहार में लाना आवश्यक. मंदार नेचर क्लब के अरविंद मिश्र के अनुसार ग्लोबल वार्मिग के बाद अब ग्लोबल कूलिंग पर विमर्श होने लगा है. बिहार के कांवर झील का उदाहरण देते हुए वह कहते हैं कि 2007-08 में बसही बांध टूटने से झील में पानी आया.
2010 में सर्वे करने गये, तो झील की जगह मोटरसाइकिल दौड़ रही थी और अभी फिर बारिश का पानी है. जागरूकता कार्यक्रमों की प्रासंगिकता पर वह कहते हैं कि सेमिनारों के विमर्श को व्यवहार में लाना आवश्यक है. जेनरेटर, जुगाड़, मोबाइल-गैजेट का प्रयोग व कार्बन उत्सजर्न जैसे क्रियाकलापों पर नियंत्रण की आवश्यकता है.

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